फेसबुक से शुरू हुए अभियान से नेपाल में प्रदर्शन
९ मई २०११रविवार को ब्यूटी क्वीन्स, पत्रकार, सांसद, सामाजिक कार्यकर्ता और समाज के अन्य तबकों के लोग काठमांडु की सड़कों पर नजर आए. ये लोग तय समय सीमा के भीतर संविधान तैयार करने की मांग कर रहे थे.
इन लोगों के सड़कों पर उतरने की बड़ी वजह फेसबुक पर चलाया गया प्रचार अभियान था. इस अभियान से जुड़कर राजधानी के मैतीघर मंडल पर लोग शाम ठीक तीन बजे जमा हुए. उनकी मांग थी कि 28 मई की तय सीमा से पहले संविधान तैयार किया जाना चाहिए.
फेसबुक पर अभियान की शुरुआत करने वाले उज्ज्वल थापा ने कहा, "हमें 28 मई तक संविधान दो. अगर नहीं, तो अतिरिक्त समय के लिए तन्ख्वाहें मत लेना. और अतिरिक्त समय भी छह महीने से ज्यादा नहीं होना चाहिए."
थापा ने कहा कि करदाताओं के पैसे का छोटे मोटे राजनीतिक झगड़ों में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
थापा ने परिवर्तन का लागी हमी नेपाली एक (बदलाव की खातिर हम नेपाली एक) नाम से अभियान छेड़ा है. इसकी शुरुआत एक चाय पार्टी में छिड़ी बहस से हुई जिसने बाद में फेसबुक पर अभियान का रूप ले लिया. एक हफ्ते के भीतर ही यह अभियान इतना फैल गया कि रविवार के प्रदर्शन में सैकड़ों लोग पहुंच गए.
प्रदर्शनकारियों में मिस नेपाल सदिच्छा श्रेष्ठा, पूर्व मिस नेपाल मालविका सुब्बा और समलैंगिक अधिकारों के लिए काम करने वाले सांसद सुनील बाबू पांटा शामिल थे. पांटा ने कहा, "हम सांसदों को एसएमएस भेजने की योजना बना रहे हैं ताकि संविधान तैयार करने का काम जल्द से जल्द पूरा हो सके."
रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार
संपादनः उभ