पाक में आयोग खोजेगा लादेन का सच
१ जून २०११पिछले महीने की दो तारीख को अमेरिकी सेना की एक टुकड़ी ने इस्लामाबाद के नजदीक एबटाबाद में एक ऑपरेशन में ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था. इस बारे में प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने पांच सदस्यों का एक आयोग बनाया है. आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस जावेद इकबाल को सौंपी गई है.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आयोग ओसामा बिन लादेन की पाकिस्तान में मौजूदगी के बारे में सारे तथ्य जमा करेगा और 2 मई को अमेरिकी ऑपरेशन के बारे में जानकारी जुटाएगा. बयान के मुताबिक आयोग यह भी पता लगाएगा कि किसी अधिकारी की तरफ से किसी तरह की खामी या गलती तो नहीं हुई और अगर हुई तो क्या. उसके बाद आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को देगा.
कौन है आयोग में
आयोग में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज फखरुद्दीन जी इब्राहिम, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद, पूर्व पुलिस अधिकारी अब्बास खान और पूर्व राजनयिक अशरफ जहांगीर काजी शामिल हैं. काजी दिल्ली में उच्चायुक्त भी रह चुके हैं. कैबिनेट सचिव इस आयोग के सचिव के तौर पर काम करेंगे.
आयोग का गठन 13 मई को संसद के दोनों सदनों में हुई बहस के फैसले के आधार पर किया गया है. इस बहस में सरकार से एक स्वतंत्र जांच आयोग के गठन की मांग की गई थी ताकि एबटाबाद की घटना की जिम्मेदारी तय की जा सके और ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए कदम उठाए जा सकें.
पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से खुफिया एजेंसी आईएसआई की खासी आलोचना हुई है क्योंकि जिस ओसामा बिन लादेन को एक दशक से तलाशा जा रहा था वह पाकिस्तान में रहता रहा और आईएसआई को पता ही नहीं चला.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ईशा भाटिया