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पाक में आयोग खोजेगा लादेन का सच

१ जून २०११

पाकिस्तान सरकार ने अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन के मारे जाने की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया है. आयोग पता लगाएगा कि अमेरिकी ऑपरेशन में बिन लादेन के मारे जाने की घटना में क्या क्या खामियां रहीं.

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Das Anwesen in Abbottabad in Pakistan, in dem Osama bin Laden am 02.05.2011 von den Amerikanern getötet wurde.
तस्वीर: picture alliance/Ton Koene

पिछले महीने की दो तारीख को अमेरिकी सेना की एक टुकड़ी ने इस्लामाबाद के नजदीक एबटाबाद में एक ऑपरेशन में ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था. इस बारे में प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने पांच सदस्यों का एक आयोग बनाया है. आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस जावेद इकबाल को सौंपी गई है.

ABBOTTABAD (PAKISTAN), May 3, 2011 (Xinhua) -- A building of the compound where Osama bin Laden had been living for years is seen in Abbottabad, a main city in Pakistan's northwestern Khyber Pakhtunkhwa province, on May 3, 2011. Foreign and local journalists were allowed on Tuesday for the first time to go up to the 6 meter cement walls of the compound where Osama bin Laden had been living for years. (Xinhua/Ahmad Kamal) (lr) XINHUA /LANDOV
तस्वीर: picture alliance/landov

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आयोग ओसामा बिन लादेन की पाकिस्तान में मौजूदगी के बारे में सारे तथ्य जमा करेगा और 2 मई को अमेरिकी ऑपरेशन के बारे में जानकारी जुटाएगा. बयान के मुताबिक आयोग यह भी पता लगाएगा कि किसी अधिकारी की तरफ से किसी तरह की खामी या गलती तो नहीं हुई और अगर हुई तो क्या. उसके बाद आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को देगा.

कौन है आयोग में

आयोग में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज फखरुद्दीन जी इब्राहिम, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद, पूर्व पुलिस अधिकारी अब्बास खान और पूर्व राजनयिक अशरफ जहांगीर काजी शामिल हैं. काजी दिल्ली में उच्चायुक्त भी रह चुके हैं. कैबिनेट सचिव इस आयोग के सचिव के तौर पर काम करेंगे.

आयोग का गठन 13 मई को संसद के दोनों सदनों में हुई बहस के फैसले के आधार पर किया गया है. इस बहस में सरकार से एक स्वतंत्र जांच आयोग के गठन की मांग की गई थी ताकि एबटाबाद की घटना की जिम्मेदारी तय की जा सके और ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए कदम उठाए जा सकें.

पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से खुफिया एजेंसी आईएसआई की खासी आलोचना हुई है क्योंकि जिस ओसामा बिन लादेन को एक दशक से तलाशा जा रहा था वह पाकिस्तान में रहता रहा और आईएसआई को पता ही नहीं चला.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ईशा भाटिया

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