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पाकिस्तान में सीआईए जासूस का खुलासा

१० मई २०११

पाकिस्तान में तैनात कर रहे सीआईए के प्रमुख जासूस के नाम का खुलासा हो गया है. इसके बाद भी अमेरिका उसे वापस बुलाने पर विचार नहीं कर रहा है. पाक मीडिया ने इस जासूस की पहचान सार्वजनिक कर दी है.

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तस्वीर: DPA

अमेरिका का कहना है कि पाकिस्तान की मीडिया कि खबरें पूरी तरह सही नहीं हैं. कुछ अधिकारियों का मानना है कि ओसामा बिन लादेन की वजह से पूरी दुनिया की नजरें पाकिस्तान की ओर चली गई हैं, जिससे ध्यान भटकाने के लिए उसने यह चाल चली है. अमेरिकी सेना की खास टुकड़ी ने पिछले हफ्ते बिन लादेन को पाकिस्तान में मार गिराया है.

छह महीने के अंदर यह दूसरी बार है, जब पाकिस्तान में तैनात सीआईए के प्रमुख के नाम को उजागर कर दिया गया है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि हो सकता है कि यह आईएसआई या पाकिस्तान सरकार के किसी और धड़े का काम हो. जब से पता लगा है कि बिन लादेन कम से कम पांच साल से पाकिस्तान में रह रहा था. सीआईए और आईएसआई के रिश्तों में और कड़वाहट आ गई है.

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सीआईए और आईएसआई के रिश्तों में कड़वाहटतस्वीर: picture alliance/abaca

अमेरिका ने मांग की है कि उसे आईएसआई के कुछ अधिकारियों और ओसामा बिन लादेन की बीवियों से पूछताछ की इजाजत मिले, ताकि वह अल कायदा के नेटवर्क को उखाड़ फेंकने की दिशा में काम कर सके.

नाम पर विवाद

पिछले दिनों पाकिस्तान के एक निजी टेलीवजन चैनल और एक अखबार ने पाकिस्तान में तैनात सीआईए प्रमुख की पहचान जाहिर कर दी थी. इसके बाद पाकिस्तान के साथ संपर्क बनाने के काम में लगे दो अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि मीडिया ने जिस नाम का खुलासा किया है, वह सही नहीं है और सीआईए के मौजूदा प्रमुख अपने पद पर बने रहेंगे.

एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, "सीआईए के मौजूदा प्रमुख एक पेशेवर अधिकारी हैं. उन्हें पता है कि विदेशी साझीदारों के साथ कैसे काम करना है. वह पाकिस्तानी खुफिया इदारे के साथ संबंध बेहतर करने की कोशिश करेंगे."

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अमेरिकी नेवी सील्स का ऑपरेशनतस्वीर: dapd

कुछ इसी तरह की रिपोर्ट पिछले साल दिसंबर में भी आई थी. तब मीडिया में उस वक्त के सीआईए प्रमुख का नाम उजागर कर दिया गया था और यह भी आरोप लगा था कि वह ऐसे मिसाइल हमलों की योजना में शामिल रहे थे, जिसमें नागरिकों की मौत हुई. इसके बाद उस अधिकारी को पाकिस्तान छोड़ कर जाना पड़ा.

अमेरिका के कुछ अधिकारियों का कहना है कि आईएसआई के कुछ तत्व इस बात से नाराज हैं कि अमेरिका में उन पर केस चलाया गया है और इसी के बदले में उन्होंने यह कार्रवाई की है. भारत में नवंबर 2008 के मुंबई हमलों के दौरान मारे गए अमेरिकी नागरिकों ने अमेरिका की अदालत में केस दायर किया है और उसमें आईएसआई को भी आरोपी बनाया है. आरोप है कि आईएसआई ने लश्कर ए तैयबा के साथ मिल कर भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले किए. लगभग तीन दिनों तक चले इस हमले में 166 लोग मारे गए.

इसके बाद अमेरिकी की नेवी सील सैनिक टुकड़ी ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पास एबटाबाद में घुस कर ओसामा बिन लादेन को मार गिराया. इससे आईएसआई सहित पूरे पाकिस्तान की जबरदस्त किरकिरी हो रही है.

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः आभा एम

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