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पाकिस्तान ने आतंकियों की कमर तोड़ दी हैः सेना प्रमुख

२३ अप्रैल २०११

तालिबान और अल कायदा से जुड़े आतंकियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई न करने के लिए लगातार अमेरिकी आलोचनाओं के बीच पाक सेना प्रमुख ने कहा है कि सेना ने आतंकियों की 'कमर तोड़ दी है."

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तस्वीर: AP

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक कियानी ने कहा है, "आतंकवादियों की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई है और अल्लाह ने चाहा तो हम जल्द ही उन पर पूरी तरह काबू कर लेगें." जनरल कियानी ने पाकिस्तान मिलीट्री एकेडमी की पासिंग आउट परेड के दौरान यह बात कही.

अमेरिकी राष्ट्रपति के दफ्तर ने इसी महीने एक रिपोर्ट में सरहदी इलाकों में आतंकवादियों को शिकस्त करने में नाकाम रहने के लिए सेना की आलोचना की थी. पाकिस्तान ने इस अमेरिकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान के दौरे पर आए अमेरिकी सेना प्रमुख एडमिरल माइक मलेन ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर उत्तरी वजीरिस्तान के इलाके में तालिबानियों से रिश्ता रखने का आरोप लगाया.

NATO Tagung Washington
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"कोई भी कुर्बानी बहुत बड़ी नहीं है"

जनरल कियानी ने कहा, "मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि पाकिस्तान की सेना अपने अंदरूनी और बाहरी खतरों से पूरी तरह वाकिफ है. आतंकवाद से जंग में हमारे अधिकारियों और सैनिकों ने कुर्बानियां देकर बड़ी सफलता पाई है. पाकिस्तान की जनता अपनी आजादी का किसी भी दूसरी चीज की तुलना में ज्यादा सम्मान करती है और मानती है कि इसे बचाए रखने के लिए कोई भी कुर्बानी बहुत बड़ी नहीं है."

अमेरिकी सेना प्रमुख के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए गुरुवार को जनरल कियानी की तरफ से एक बयान भी जारी हुआ जिसमें कहा गया, "हम इस दुष्प्रचार को सिरे से खारिज करते हैं कि पाकिस्तानी सेना बहुत कुछ नहीं कर रही है या फिर उसे पता नहीं कि करना क्या है."

एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में मलेन ने कहा, "आईएसआई के हक्कानी नेटवर्क से काफी लंबे समय से रिश्ते रहे हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि आईएसआई के सारे लोग, लेकिन कुछ लोग उनसे जरूर जुड़े हुए हैं." हक्कानी नेटवर्क अल कायदा से जुड़ा हुआ एक संगठन है जिसका मुखिया एक अफगानी कबीले का प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी है. इसका गढ़ पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान के कबीलाई इलाके में है. इस गुट पर अफगानिस्तान में अमेरिका के खिलाफ कुछ बड़े हमले करने का आरोप है. इनमें खोस्त के अमेरिकी बेस पर 2009 में हुआ हमला भी है जिसमें सीआईए के सात एजेंट मारे गए.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ईशा भाटिया

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