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दोस्ती का हाथ थाम ले पाकिस्तानः मनमोहन सिंह

२४ फ़रवरी २०११

भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है. इसके साथ ही भारत ने कहा है कि पाकिस्तान दोस्ती का हाथ थाम ले. भारत ने माना है कि दोनों देशों के बीच सारे विवादों का हल हो सकता है.

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तस्वीर: AP

राज्यसभा में राष्ट्रपति के भाषण पर धन्यावाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए न होने दे तो दोनों मुल्कों के बीच सारे विवादों का हल हो सकते है. मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें 'उम्मीद भरे संकेत' मिले हैं और दोनों देशों के बीच ऐसा माहौल है कि बातचीत आगे बढ़ाई जा सकती है. प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे पूरी उम्मीद और यकीन है कि पाकिस्तान की नई सरकार हमारे दोस्ती के हाथ को थामेगी और यह मान ले कि चाहे जितने मतभेद हो आतंकवाद किसी सरकारी नीति का हिस्सा नहीं हो सकती. कोई भी सभ्य समाज हमसे यह उम्मीद नहीं रखता." प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच मतभेदों को दूर करने का जरिया केवाल बातचीत ही हो सकता है. उन्होंने बताया कि दोनों देशों के विदेश सचिव पिछले महीने थिम्फु में हुई द्विपक्षीय मुलाकात के बाद बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर राजी हो गए हैं. भारत और पाकिस्तान के गृह सचिव अगले महीने की 28 और 29 तारीख को मुलाकात करेंगे. व्यापक बातचीत शुरू करने के दोनों देशों के हालिया फैसले के बाद सचिव स्तर पर यह पहली बैठक होगी जिसमें खासतौर पर आतंकवाद से लड़ने पर बात होगी.

Indien Premierminister Manmohan Singh
बातचीत के हक में मनमोहन सिंहतस्वीर: picture-alliance/Bildfunk

मनमोहन सिंह ने माना कि जब तक भारत पाकिस्तान के बीच रिश्ते सामान्य नहीं होते तब तक भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्ण विकास का लक्ष्य हासिल नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, "मैं 2005 से ही इस उद्देश्य पर काम कर रहा हूं." प्रधानमंत्री के मुताबिक इसमें कुछ सफलता भी मिली लेकिन तभी एक चूक हो गई. ऐसा कह कर मनमोहन सिंह ने 26 नवंबर को मुंबई पर हुए हमले की तरफ इशारा किया. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ चल रही समग्र बातचीत की प्रक्रिया रोक दी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि पाकिस्तान के बुद्धिजीवी अब यह मानने लगे हैं कि आतंकवाद किसी सभ्य सरकार की नीति का हिस्सा नहीं हो सकता.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए कुमार

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