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जापानः समुद्र में फेंका जाएगा रेडियोएक्टिव पानी

४ अप्रैल २०११

जापान ने फैसला किया है कि वह फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से रेडियोधर्मी पानी समुद्र में छोड़ेगा. एक दो टन नहीं पूरे साढ़े ग्यारह हजार टन. टेपको ने सफाई दी है कि इस पानी में रेडियोएक्टिव विकिरण की मात्रा बहुत कम है.

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रेडियोएक्टिव पानी बाहरतस्वीर: AP

संयंत्र चलाने वाली कंपनी टेपको ने कहा है कि संयंत्र में और पानी रखने की क्षमता नहीं है, इसलिए सुरक्षा कारणों से 11,500 टन पानी को समुद्र में छोड़ना ही पड़ेगा. जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव युकिओ एदानो ने कहा, "हमारे पास और कोई चारा नहीं है. हमें सुरक्षा के लिहाज से पानी समुद्र में छोड़ना ही पड़ेगा." गौरतलब है कि इससे पहले जापान सरकार ने टेपको को आदेश दिए थे कि वो पानी को रोकने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए. उस समय एदानो ने कहा, "हमें जल्द से जल्द विकिरण वाले पानी को समुद्र में पहुंचने से रोकना है. हमने टेपको से कहा है कि वो फौरन कदम उठाएं. यदि यह पानी समुद्र में मिल जाता है तो इस से समुद्र पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा."

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फुकुशिमा में 200 लीटर दूध हर दिन रेडियोएक्टिव विकिरण के प्रदूषण के कारण फेंका जा रहा है.तस्वीर: AP

टेपको की नाकाम कोशिशें

टेपको के अधिकारियों ने बुरादा, अखबार और चूने के मिश्रण से रिक्टर नंबर 2 में आई दरार को भरने की नाकाम कोशिश की. अब तक इस बात का भी ठीक तरह से पता नहीं चल पा रहा है कि रिसाव की शुरुआत कहां से हो रही है. इसका पता लगाने के लिए अधिकारियों ने बाथ सॉल्ट्स की मदद ली है जिनके सफेद रंग से वो रिसाव की जड़ तक पहुंच सकेंगे. हालांकि इस योजना के भी सफल होने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है.

टेपको ने यह भी कहा है कि वो समुद्र में किसी ऐसे रसायन को छोड़ेंगे जिनसे रेडियोधर्मी पानी को समुद्र में आगे फैलने से रोका जा सकेगा. लेकिन टेपको को अभी यह नहीं पता है कि इसमें कौन से या किस प्रकार के रसायन का प्रयोग किया जाएगा. सरकार ने कहा है कि फुकुशिमा के छह में से तीन रिएक्टरों पर काबू पाया जा चुका है. लेकिन संयंत्र के कुल चार रिएक्टरों को काम में नहीं लिया जाएगा.

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रेडियोधर्मी विकिरण की जांच जारी है.तस्वीर: ap/dapd

प्रधानमंत्री को जनता का सहयोग

जापान के एक अखबार ने एक सर्वेक्षण में पाया कि भूकंप के बाद प्रधानमंत्री कान की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है. भूकंप से पहले जहां 24 प्रतिशत लोगों ने उन्हें अपना वोट देने की बात कही थी, वहीं अब 31 प्रतिशत लोगों ने उनका साथ देने की बात कही है. 60 प्रतिशत लोगों ने कहा कि यदि टैक्स में वृद्धि होती है तो वो उसे अपनाएंगे क्योंकि इसी तरह से देश को दोबारा अपने पैरों पर खड़ा किया जा सकता है. हालांकि सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई कि लोग चाहते हैं कि सरकार विपक्ष के साथ साझा सरकार बनाए और आपस में मिल कर इस विपदा से बाहर निकलने का कोई उपाय निकले.

जापान में 163,710 लोग राहत शिविर में रह रहे हैं. फुकुशिमा संयंत्र के 20 किलोमीटर के दायरे से 70,000 से अधिक लोगों को निकाला जा चुका है और अगले 10 किलोमीटर के दायरे से और 1,36,000 लोगों को कहीं और जाने की सलाह दी गई है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: आभा एम

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