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अब सिंगापुर और अमेरिका में विकिरण के संकेत

३१ मार्च २०११

जापान के फुकुशिमा परमाणु रिएक्टर के आसपास समुद्र के पानी में रेडियोएक्टिविटी 4,385 गुना बढ़ गई है. इस बीच सिंगापुर और अमेरिका ने कहा है कि उनके देश के कुछ खाद्य पदार्थों में रेडियोधर्मी विकिरण पाया गया है.

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तस्वीर: Picture alliance/dpa

11 मार्च को सुनामी और भूकंप के बाद पहली बार फुकुशिमा के आसपास विकिरण की मात्रा इतनी ज्यादा हुई है. परमाणु और औद्योगिक सुरक्षा एजेंसी के उप प्रमुख हिदेहिको निशियामा ने कहा कि इससे आसपास रहने वाले लोगों को खतरा नहीं है क्योंकि 20 किलोमीटर तक लोगों को इलाके से बाहर सुरक्षित जगहों तक पहुंचा दिया गया है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र की परमाणु सुरक्षा एजेंसी आईएईए ने कहा है कि फुकुशिमा के आसपास और जगह को खाली कर वहां से लोगों को बाहर भेजा जाना चाहिए. गुरुवार को फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी भी जापान में हालात का जायजा करने पहुंचेंगे. फ्रांस दुनिया भर में परमाणु ऊर्जा पर निर्भर रहने वाला सबसे बड़ा देश है और उसने अपने कुछ विशेषज्ञ जापान की मदद के लिए भेजे हैं.

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फुकुशिमा में रिएक्टरतस्वीर: AP/Kyodo News

उधर अमेरिकी राज्य वॉशिंगटन में दूध में कुछ विकिरण पाए जाने की खबर है. हालांकि अमेरिका के खाद्य और दवा प्रशासन संगठन एफडीए ने कहा है कि आने वाले दिनों में खाद्य पदार्थों में इतना विकिरण दिखना सामान्य है. अमेरिका में पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी ईपीए ने कहा है कि वह विकिरण के खतरे को देखते हुए दूध, बारिश के पानी और पीने के पानी में विकिरण की जांच कर रहा है. सिंगापुर की सरकार के मुताबिक वहां भी बंदगोभियों में विकिरण पाया गया है. सिंगापुर की सरकार का कहना है कि सब्जियों में विकिरण अंतरराष्ट्रीय मानक से नौ गुना ज्यादा है. कई देशों ने जापान से खाद्य पदार्थों का आयात रोक दिया है. जापान ने खुद फुकुशिमा के आसपास से खाद्य पदार्थों को बेचना बंद कर दिया है.

अपने निर्यात में परेशानी को देखते हुए जापान की सरकार ने विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों से कहा है कि वे बिना किसी ठोस वजह के जापान से सामान के आयात को न रोकें. यूक्रेन में चेर्नोबिल परमाणु हादसे के बाद वहां दूध से विकिरण सबसे ज्यादा फैली थी. जापान में भी यही होने का डर है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः एन रंजन

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