पहले बीफ बैन, अब मीट बैन
८ सितम्बर २०१५जैन संप्रदाय के पर्व पर्युशान के अवसर पर बृहनमुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने चार दिनों के लिए मांस की बिक्री पर रोक लगा दी है. भारतीय अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने यह खबर प्रकाशित की है कि देबोनार कसाईखाने से जारी हुए एक आदेश में कहा गया है कि नगर के बाजारों में मीट उपलब्ध नहीं होगा और कसाईखाने 10, 13, 17 और 18 सितंबर को बंद रहेंगे.
जैन संप्रदाय का यह त्योहार 10 से 28 सितंबर के बीच मनाया जाना है, पहले आठ दिन महापर्व के रूप में मनाए जाते हैं. 17 सितंबर से नगर में गणेश चतुर्थी का उत्सव शुरु हो जाएगा, जिसकी पूरे महाराष्ट्र में बहुत धूम रहती है.
आदेश में लिखा है कि इस मीट बैन की मांग विश्वमैत्री ट्रस्ट के अहिंसा संघ की ओर से आई थी. उनके पत्र में लिखा है, “जैन धर्म अहिंसा के आदर्श पर आधारित है. केवल मुंबई में रहने वाले ही नहीं बल्कि इस दौरान बाहर से भी कई जैन मुनि मुंबई आते हैं. अनुष्ठान के दौरान आपका सहयोग वांछित है.”
पहले बीफ, अब मीट
हिंदू मान्यता में गाय को पवित्र माना जाता है - इसी कारण देश के कई राज्यों में गौहत्या पर पाबंदी लगी है. तमाम मान्यताओं के बावजूद भारत में मांस का कारोबार बहुत बड़ा है. मांस के उपभोग में भारत दुनिया का पांचवां जबकि बीफ के निर्यात में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है.
भारत में अधिकतर मीट बैलों और भैंसों से आया है. इसे हिन्दू समुदाय के निम्न जाति कहे जाने वाले तबके और लाखों मुसलमान और ईसाई समुदायों में खाए जाने का व्यापक चलन है.
मई 2014 में बीजेपी नेता और पूर्व गुजरात मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र की सत्ता में आने के साथ ही कट्टर हिंदुत्ववादी समूहों ने सभी प्रकार के मवेशियों के वध पर प्रतिबंध लगाने की मांग तेज कर दी. कई पीढ़ियों से इस पेशे में लगे लोग अपने पुश्तैनी काम को लेकर चिंतित हैं.
महाराष्ट्र में अब गाय ही नहीं बैलों के वध पर भी प्रतिबंध लग चुका है. नए आदेश में भैंस का जिक्र नहीं था. फिर भी कई जगहों पर दुकानों से भैंस का मीट हटा लिया गया ताकि कहीं उसे गौमांस समझकर उनके खिलाफ कार्रवाई ना हो जाए.
प्रतिबंधित मीट रखने या बेचने के आरोप में पकड़े जाने पर जमानत नहीं होगी और आरोपी सिद्ध होने पर 5 साल की जेल और 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
आरआर/एसएफ (एपी)