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इंग्लैंड के व्यवहार पर सवाल

२१ अक्टूबर २०११

भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ियों के बीच वनडे सीरीज के दौरान माहौल गर्म हो चुका है. दोनों तरफ से खूब छींटाकशी हो रही है. भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मेहमान खिलाड़ियों के व्यवहार पर सवाल उठाए हैं.

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तस्वीर: UNI

पांच मैचों की वनडे सीरीज में 3-0 की अजेय बढ़त हासिल करने के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा, "बदला बहुत कड़ा शब्द है और खेल में इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. एक तरफ हम खेल भावना की बात करते हैं और दूसरी तरफ बदले की बात करते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए."

टीम इंडिया के कप्तान ने इंग्लैंड के खिलाड़ियों को आपे में रहने की सलाह दी. इंग्लिश खिलाड़ियों के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, "इंग्लैंड की बात की जाए तो मैदान पर उनकी तरफ से काफी कुछ किया गया." मौजूदा सीरीज के अब तक खेले गए तीन मैचों के दौरान दोनों टीमों के खिलाड़ी काफी बार एक दूसरे से उलझे. मोहाली में भी यही हुआ. भारतीय बल्लेबाजों और इंग्लैंड के फील्डरों के बीच तीखे शब्दबाण चले.

इंग्लैंड को नसीहत देते हुए धोनी ने कहा, "हल्की फुल्की छींटाकशी चलती है, यह खेल को रोचक बनाती हैं. आप हमेशा दोस्ताना सीरीज नहीं चाहते. लेकिन व्यक्तिगत आक्षेप नहीं होने चाहिए. इंग्लैंड को अगले दो मैचों के लिए अपनी रणनीति में बदलाव करना चाहिए."

इंग्लैंड के तेज गेंदबाज टिम ब्रेसनन मान चुके हैं कि उनकी टीम रणनीति के तहत भारतीय बल्लेबाजों पर छींटाकशी कर रही है. ब्रेसनन कहते हैं कि पिच से बिल्कुल मदद न मिलने के कारण उन्होंने दबाव बनाने के लिए शब्दों का इस्तेमाल करने पर योजना बनाई. वह कहते हैं, "हम बॉल के जरिए वैसा जवाब नहीं दे पा रहे हैं जैसा देना चाहते हैं. इसलिए हमें बल्लेबाजों को दबाव में लाने के लिए कुछ और चीजें करनी होंगी. कुछ शब्दों का इस्तेमाल या फिर घूरना."

धोनी ने अपने खिलाड़ियों को भी तू तू-मैं मैं से बचने की सलाह दी, "कभी कभार ऐसा भी होता है कि हमारे खिलाड़ी विपक्षी टीम से कुछ कहते हैं. मैं नहीं चाहता कि दिशानिर्देशों के बाहर जाकर कोई भी बेहद व्यक्तिगत बातें कहे."

'जेंटलमेंस गेम' कहे जाने वाले क्रिकेट में छींटाकशी कोई नई बात नहीं है. इसे 'स्लेजिंग' कहा जाता है. खिलाड़ियों पर मानसिक दबाव बनाने के लिए अक्सर टीमें स्लेजिंग करती हैं. ऑस्ट्रेलिया इसमें माहिर है तो इंग्लैंड, भारत, पाकिस्तान भी पीछे नहीं हैं.

मुश्किल तब होती है जब खिलाड़ी एक दूसरे पर व्यक्तिगत हमले करने लगते हैं. इतिहास गवाह है कि खेल खेल में हुई स्लेजिंग के दौरान हरभजन सिंह-एंड्र्यू साइमंड्स, हरभजन सिंह-श्रीसंत, गौतम गंभीर-शाहिद अफरीदी, मैक्ग्रा-सरवन, अफरीदी-शेन वॉर्न, मियांदाद-लिली, स्टीव वॉ-कर्टली एंब्रोस और नवजोत सिद्धू-आमिर सोहेल के झगड़े हद से काफी आगे निकल गए.

रिपोर्ट: एएफपी/ओ सिंह

संपादन: वी कुमार

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