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अफगान बलों को भारतीय मदद का स्वागत हैः अमेरिका

२ जून २०११

अमेरिका ने भारत की इस इच्छा का स्वागत किया है कि वह अफगान सुरक्षा बलों की क्षमता को बढ़ाना चाहता है. अमेरिका ने इसे सकारात्मक बताया है. इन दिनों अफगान रक्षा मंत्री भारत के दौरे पर हैं.

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A picture made available on 08 October 2010 shows Afghan police and NATO's soldiers of International Security Assistance Force (ISAF) inspect the scene of a suicide bomb attack targeting German soldiers in Baghlan, Afghanistan on 07 October 2010. A suicide attacker detonated explosives strapped to his body killing one German soldier and wounding six others. EPA/NAQEEB AHMED
तस्वीर: picture alliance/dpa

अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के प्रवक्ता कर्नल डेव लापान ने बताया, "हमें इस बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं मिली है लेकिन अगर यह अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों की मदद के लिए हैं तो यह सकारात्मक बात है." वह भारतीय रक्षा मंत्री एके एंटनी और अफगान रक्षा मंत्री अब्दुल रहीम वारदाक की बैठक से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे. नई दिल्ली में हुई इस मुलाकात में क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई.

लापान ने कहा, "देखिए, मुझे इस मामले की खास तौर से जानकारी नहीं है. लेकिन हमारा रुख हमेशा से यही रहा है कि अगर हमें अफगान सुरक्षा बलों की ट्रेनिंग के लिए नाटो और अन्य सहयोगी देशों की मदद मिलती है तो हम इसका स्वागत करेंगे." अफगानिस्तान में भारत की बढ़ती भूमिका पर पाकिस्तान नाराजगी जताता रहा है. आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अहम सहयोगी कहे जाने वाले पाकिस्तान से अमेरिका के रिश्ते इन दिनों बेहद तनावपू्र्ण हैं जिसकी एक बड़ी वजह एबटाबाद में विशेष अमेरिकी सैन्य टुकड़ी के एकतरफा अभियान में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मौत है.

जनरल वारदाक सात सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. भारत अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में सक्रिय मदद दे रहा है और उसे करजई सरकार का विश्वसनीय सहयोगी माना जाता है. हामिद करजई के राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत ने अफगानिस्तान को 1 अरब डॉलर की मदद दी है. भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले महीने अफगानिस्तान के दौरे पर गए थे.

जनरल वारदाक ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा, "हम प्रशिक्षण के क्षेत्र में हर सहयोग और अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा बल की मदद का स्वागत करेंगे ताकि वे मुल्क की हिफाजत कर सकें."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़

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