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अफगानिस्तान में 2 जर्मन सैनिकों की मौत

२९ मई २०११

उत्तरी अफगानिस्तान में शनिवार देर शाम हुए आत्मघाती बम धमाके में दो जर्मन सैनिकों और दो अफगान पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. यह धमाका सैन्य चौकी के पास नहीं, बल्कि एक बैठक में हुआ.

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** ARCHIV ** Ein deutscher ISAF Soldat steht am 20. Feb. 2007 in Kabul, Afghanistan. SPD-Fraktionschef Peter Struck geht davon aus, dass die internationalen Afghanistan-Einsaetze noch mindestens zehn Jahre fortgesetzt werden muessen. Es werde aber der Zeitpunkt kommen, an dem man sich auf ein Ausstiegsszenario verstaendigen muesse, sagte Struck am Donnerstag, 5. Juli 2007, im Deutschlandradio Kultur. (AP Photo/Musadeq Sadeq) --- German soldiers, part of the International Security Assistance force (ISAF) stand guard during the opening ceremony of a German-funded medical center project in the Deh Sabz district of Kabul, Afghanistan, Tuesday, Feb. 20, 2007. (AP Photo/Musadeq Sadeq)
अफगानिस्तान में लगभग पांच हजार जर्मन सैनिक तैनात हैंतस्वीर: AP

मारे गए लोगों में प्रांतीय पुलिस प्रमुख भी हैं. उत्तरी टखर प्रांत में घुसपैठियों के खिलाफ नाटो के सैनिक बातचीत करने के लिए जमा हुए थे. प्रांतीय सरकारी प्रवक्ता फैज मोहम्मद तौहिदी ने कहा कि गवर्नर के अलावा और 10 लोग भी घायल हुए हैं. हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है और धमकी दी है कि इसी तरह वरिष्ठ अधिकारियों पर हमले जारी रहेंगे. उत्तरी इलाके के लिए नाटो के कमांडर जर्मनी के मेजर जनरल मार्कुस क्नाइप इस हमले में घायल हुए हैं लेकिन उन्हें गंभीर चोट नहीं आई है.

जर्मनी के रक्षा मंत्री थोमास डि मिसिएर ने कहा, "आतंकवादी हमारी साझेदारी को खत्म करना चाहते हैं. उनका यह षडयंत्र सफल नहीं होना चाहिए. अफगानिस्तान की शांति और विकास प्रक्रिया में यह आतंकी एक बड़ा रोड़ा हैं. ये अपराधी, हत्यारे हैं. उन्हें हालात तय करने की इजाजत किसी हालत में नहीं दी जा सकती."

इस हमले में मारे जाने वाले सबसे बड़े अधिकारी उत्तरी अफगानिस्तान के पुलिस प्रमुख जनरल दाऊद दाऊद थे. वह अफगानिस्तान के पूर्व उप गृह मंत्री भी रह चुके हैं. इस तरह के हमले और हमले के दौरान इतने बड़े अधिकारी का मारा जाना अफगानिस्तान और अंतरराष्ट्रीय सेनाओं, दोनों के लिए ही बड़ा झटका है. मौत से पहले उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि टखर और पड़ोसी कुंदूज से घुसने वाले लोगों को रोकने के लिए ऑपरेशन होप शुरू किया जा रहा है.

हमलावर पुलिस यूनिफॉर्म में

नाटो और जर्मनी, दोनों के लिए ही इस तरह के हमले एक बड़ा झटका है. एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार जर्मन सैनिक हमले में मारे गए हैं. नाटो सेना चाहती है कि तेजी से अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थानीय सुरक्षा बलों को दी जाए. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. तौहिदी ने बताया कि हमलावर पुलिस की वर्दी पहने हुए थे. कंधार के पुलिस प्रमुख खान मोहम्मद खान अप्रैल में हुए एक हमले में मारे गए. इसमें भी हमलावर पुलिस की ड्रेस में था.

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने इस हमले की कड़ी निंदा की है तो रक्षा मंत्री ने जर्मन लोगों से अपील की है वे अफगानिस्तान के साथ साझेदारी में सहयोग दें.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ए कुमार