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एनडी तिवारी पिता ठहराए गए

२७ जुलाई २०१२

कांग्रेस के कद्दावर नेता नारायण दत्त तिवारी दिल्ली के युवक रोहित शेखर के पिता हैं. डीएनए की जांच के बाद इस बात की पुष्टि कर दी गई. दिल्ली हाई कोर्ट ने खुली अदालत में डीएनए की रिपोर्ट पढ़ी.

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तस्वीर: AP

जस्टिस रेवा खेत्रपाल ने डीएनए की रिपोर्ट को पढ़ कर सुनाया, जिसमें हैदराबाद की जांच एजेंसी ने डीएनए टेस्ट करने के बाद इस बात की तसदीक कर दी है कि 32 साल के रोहित शेखर के पिता 87 साल के एनडी तिवारी ही हैं. अदालत ने कहा, "रिपोर्ट मिली है कि रोहित शर्मा के जैविक पिता तिवारी हैं, जबकि उज्ज्वला शर्मा उनकी जैविक मां हैं."

इससे पहले डीएनए टेस्ट की सीलबंद रिपोर्ट जज के चैंबर में रोहित शेखर और उनकी मां उज्ज्वला शर्मा के वकील की मौजूदगी में खोली गई. यह रिपोर्ट सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स (सीडीएफडी) ने तैयार की है. जज ने इसके बाद तिवारी के वकील के आने का इंतजार किया लेकिन वहां उनकी तरफ से कोई नहीं आया.

बाद में इस बात का एलान करते हुए जज ने कहा, "डिफेंडेंट नंबर 1 (एनडी तिवारी) की तरफ से कोई नहीं आया है. अब चार बजने को आए और उनकी तरफ से मामले को आगे बढ़ाने की अपील भी नहीं की गई है. इसलिए सीडीएफडी की सील को खोला जाए और इस रिपोर्ट को फाइल में लगाया जाए, ये सभी पार्टियों के लिए उपलब्ध होगी."

इससे पहले शुक्रवार को ही दिल्ली हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने एनडी तिवारी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें एक जज वाली अदालत के सामने उनकी डीएनए रिपोर्ट न खोलने का अनुरोध किया गया था.

डिविजन बेंच ने रेवा खेत्रपाल को इस बात की इजाजत दे दी कि वह खुली अदालत में डीएनए की रिपोर्ट खोल सकती है. अदालत ने डीएनए की रिपोर्ट को साक्ष्य बताया और कहा कि अगर इसे अभी तय नहीं कर दिया जाता और सीलबंद रहने दिया जाता है, तो एक बार फिर विवाद हो सकता है और मामला लंबा खिंच सकता है. डिविजन बेंच ने कहा, "इसका उद्देश्य यह है कि विवाद को खत्म कर दिया जाए और जबरदस्ती मुकदमे को लंबा न किया जाए. अगर नमूना अभी नहीं खोला गया, तो बिना वजह गवाहों की गवाही लेनी होगी. हम तिवारी की याचिका में दम नहीं देखते हैं, इसलिए उसे रद्द करते हैं."

एजेए/एमजी (पीटीआई)