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हेडली से जुड़े सबूत लाने अमेरिका जाएगा भारतीय दल

१३ फ़रवरी २०११

भारत लश्कर आतंकी डेविड हेडली औऱ उससे सबूत हासिल करने के लिए अधिकारियों का एक दल अमेरिका भेजने पर विचार कर रहा है. हेडली की पत्नियों को अब तक भारतीय जांचकर्ताओं से दूर ही रखा गया है.

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तस्वीर: AP

मुंबई पर 26 नवंबर को हुए हमलों की जांच करने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी जल्दी ही रिचर्ड हेडली के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने की योजना बना रही है. हेडली पर हमलों से पहले भारत आकर ठिकानों की पहचान करने तैयारी में सहयोग करने का आरोप है. भारतीय गृह सचिव जीके पिल्लई ने कहा कि जल्दी ही इस बारे में अमेरिका से बात की जाएगी. जी के पिल्लई ने कहा, "हमें इस मामले में पक्के सबूत चाहिए. हम हेडली उसकी बीवी और दूसरे लोगों को भारत नहीं बुला सकते क्योंकि हेडली की बीवी से पूछताछ करने के लिए अमेरिका को भेजे गए अनुरोध पर अब तक कोई जवाब नहीं आया है."

एनआईए की एक टीम अमेरिका जा कर हेडली से पूछताछ कर चुकी है. इस बारे में गृह सचिव का कहना है, "इस पूछताछ में मिली जानकारी को सबूत नहीं माना जा सकता क्योंकि हेडली ने जवाब किसी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी नहीं दिए. इसके अलावा ना तो उसके बयानों पर कोई दस्तखत है ना मुहर. ये केवल बयान थे जिन्हें सबूत में बदला जाना है."

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तस्वीर: AP

ये पूछे जाने पर कि क्या भारत अमेरिका से आयोग को भेजने की अनुमति मांगेगा, पिल्लई ने कहा, "हां ये एक कानूनी प्रक्रिया है जो जरूरी है. एक बार आरोप पत्र दायर हो गए तो ये काम भी कर दिया जाएगा." आरोप पत्र दायर करने के बाद सरकार कोर्ट से आयोग को पाकिस्तान भेजने की भी अनुमति मांगेगा. पाकिस्तान में अधिकारी उन लोगों से पूछताछ करना चाहते हैं जिन्होंने हेडली का सहयोग किया साथ ही उनसे जो हमला करने वाले आतंकियों को निर्देश दे रहे थे.

नवंबर 2008 में भारत पर हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में 179 लोगों की जान गई. पिल्लई से जब ये पूछा गया कि क्या अमेरिका ने हेडली को वायदा माफ गवाह बनाने से पहले भारत से पूछा था. उन्होंने कहा, "हां, इसमें कोई शक नहीं. हमने अमेरिका को ये साफ कर दिया था कि वो हेडली को भारत प्रत्यर्पित नहीं रहे क्योंकि उन्होंने उसे वायदा माफ गवाह बनाया है. इस हमले मे केवल भारतीय ही नहीं बल्कि अमेरिकी की भी मौत हुई है."

50 साल के डेविड हेडली ने भारत पर हमले की आतंकी साजिश में शामिल होने की बात कबूल कर ली और अमेरिका सरकार का वायदा माफ गवाह बन गया. इस समझौते के तहत हेडली को भारत, पाकिस्तान या डेनमार्क में उनमें से किसी भी जुर्म के लिए प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा जिसके लिए उसने अपनी गलती मानी है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

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