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हादसे से चौंकी सरकार पर सवाल उठाती रूसी जनता

९ जुलाई २०१२

170 से ज्यादा लोगों के मरने के बाद रूस सरकार बाढ़ को "एकाएक चौंकाने वाला" हादसा बता रही है. लेकिन जनता और मीडिया का कहना है कि ऐसे हादसे होते रहे हैं, सरकार तैयार नहीं थी. सवाल यह है कि इतने लोग क्यों मरे.

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तस्वीर: AP

रूस के आपदा मंत्री व्लादिमीर पुचकोव ने कहा कि उनके मंत्रालय ने बाढ़ की चेतावनी जारी की थी लेकिन वह सही वक्त पर सारे लोगों तक पहुंच नहीं पाई. रूस में पिछले कुछ सालों में प्राकृतिक आपदाएं बढ़ीं हैं. ज्यादातर मामलों में मूलभूत संरचना का पुराना होना या सुरक्षा कानूनों में कमी होने की वजह से हालात और बिगड़े हैं. 171 लोगों की मौत और 25,000 लोगों के बेघर होने के बाद सोमवार को रूस में शोक दिवस घोषित किया गया है.

बाढ़ से रूस के दक्षिणी क्रिम्स्क शहर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. काले सागर के पास स्थित क्रिम्स्क में सोमवार को सैकड़ों डाक कर्मियों ने लोगों में सरकार की तरफ से मुआवजे के पैसे बांटे. बाढ़ में भारी तबाही हुई है. बहुत सारे पेड़ उखड़ गए और मवेशी डूब गए. अधिकारी जानवरों के शवों को जमा करके उन्हें जला रहे हैं ताकि बाढ़ के बाद बीमारी नहीं फैले.

57,000 लोगों वाले शहर में प्रभावित परिवारों को 300 डॉलर की राशि दी गई है. कई लोग पानी में डूबे अपने घरों से सामान बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं. क्रिम्स्क में रह रहे ओवसेन टोरोस्यान ने कहा, "कुछ भी नहीं बचा है, हम बेघरों जैसे हो गए हैं. मैंने उधार पर अपने घर का सामान खरीदा था और मुझे अब भी उनके पैसे देने हैं लेकिन सब बर्बाद हो गया."

रूस के दक्षिणी इलाके में देश का अनाज उगाया जाता है. क्रिम्स्क और क्रासनोदार इलाके खेती और पर्यटन के लिए जाने जाते हैं. लेकिन बाढ़ के बाद वहां की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है. इस इलाके में पिछले एक महीने से घमासान बारिश और तूफान आ रहे हैं. रूस के सबसे बड़े व्यावसायिक बंदरगाह नोवोरोसिस्क को भी बारिश की वजह से बंद करना पड़ा, लेकिन अब धीरे धीरे इसे सामान्य स्तर पर लाने की कोशिश की जा रही है.

इतने बड़े हादसे के बाद अब लोग रूस की सरकार और यहां तक की राष्ट्रपति पुतिन से जवाब मांग रहे हैं. दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के बाद यह पुतिन के लिए एक अहम परीक्षा है. शनिवार को पुतिन क्रिम्स्क पहुंचे जहां उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से चेतावनी न दिए जाने के बारे में पूछताछ की. जांचकर्ताओं का मानना है कि पास के एक बड़े बांध को खोलने के बाद पानी के बहने से बाढ़ आई है. लेकिन मीडिया और लोग देश के नेताओं की असमर्थता की कड़ी निंदा कर रहे हैं.

विपक्षी विचारधारा का प्रतिनिधित्व करने वाले वेदोमोस्ती अखबार के मुताबिक क्रासनोदार इलाके में बाढ़ नई बात नहीं है और खासकर 2002 की बाढ़ के बाद अधिकारियों को इसके बारे में पता था. "हादसे से पता चलता है कि अधिकारी जनता को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने में सक्षम नहीं है. लोगों को चेताया नहीं गया और इलाके को खाली भी नहीं किया गया." यहां तक कि सरकार के करीब माने जाने वाले अखबार इजवेस्तिया ने लिखा है, "क्रिम्स्क हादसे से पता चलता है कि धीरे काम करने और नाउम्मीदी के बावजूद उम्मीद करने से क्या होता है." सरकार को खुला समर्थन दे रहे कोसमोल्स्काया प्रावदा ने अपने अखबार के पहले पन्ने पर क्रिम्स्क हादसे की बड़ी तस्वीर छापी. उसपर हेडलाइन के तौर पर लिखा, "आखिर इतने लोग मरे क्यों?"

एमजी/एमजे(रॉयटर्स, एएफपी)

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