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हफ्ते भर में तहव्वुर राना का फैसला

२ जून २०११

मुंबई के आतंकवादी हमलों में आरोपी तहव्वुर राना के खिलाफ वक्त से पहले फैसला आने की उम्मीद है क्योंकि उसके खिलाफ चल रहे मामले में खुद उसकी गवाही की संभावना नहीं है. वह डेविड हेडली का साथी है.

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FILE- In this Dec. 9, 2009 file courtroom drawing shows David Coleman Headley, left, pleads not guilty before U.S. District Judge Harry Leinenweber in Chicago to charges that accuse him of conspiring in the deadly 2008 terrorist attacks in the Indian city of Mumbai and of planning to launch an armed assault on a Danish newspaper. (AP Photo/Verna Sadock, File)
शिकागो में चल रहा है मुकदमातस्वीर: AP

राना के वकील पैट्रिक ब्लीगेन का कहना है कि राना की कानूनी टीम ने अभी इस मामले में आखिरी फैसला नहीं किया है लेकिन इस बात की संभावना नहीं है कि खुद उसकी गवाही ली जाए.

इस मामले की सुनवाई अपेक्षा से कम वक्त में पूरी हो गई. 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में राना के खिलाफ चल रहे मुकदमे में उसके बचपन के दोस्त डेविड हेडली ने पांच दिनों में अपनी गवाही पूरी कर दी. पाकिस्तानी मूल के डेविड हेडली को मुंबई के आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है और उसका कहना है कि कनाडा के बिजनेसमैन पाकिस्तानी मूल के ही तहव्वुर राना ने उसकी मदद की.

अदालती कार्रवाई में गुरुवार को सात गवाहों को बुलाया गया, जिनमें पांच एफबीआई एजेंट थे. इन्होंने राना, हेडली और मेजर इकबाल के बीच संपर्कों के ईमेल और टेलीफोन कॉल की पुष्टि की. अदालत को बताया गया कि राना ने ईमेल के जरिए मेजर इकबाल से संपर्क किया.

वकील सारा स्ट्राइकर ने एक ईमेल अदालत में पेश किया, जो चौधरी खान ने याहू के ईमेल आईडी से राना को भेजा था. इसमें एक टेलीफोन नंबर का जिक्र है और कहा गया है कि भविष्य में उस नंबर पर संपर्क किया जा सकता है. अभियोजन पक्ष का कहना है कि चौधरी खान ही मेजर इकबाल है, जो आईएसआई का अफसर है. तहव्वुर ने अपने ईमेल आईडी से आठ दिसंबर, 2008 को डेविड हेडली की फ्लाइट बुक की है. इसका भी सबूत है.

अब इस मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है. अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जज हैरी डी लाइनेनवेबर ने कहा, "हम इस केस की समाप्ति की ओर बढ़ रहे हैं." सोमवार को कुछ बचे हुए गवाहों की गवाही ली जाएगी. उसी दिन राना से भी कुछ बातें पूछी जा सकती हैं और उसके अगले दिन यानी मंगलवार को आखिरी जिरह होगी.

अगर सब कुछ इसी तरह चलता रहा तो आने वाले बुधवार को जज इस बात का फैसला दे सकते हैं कि राना इस मामले में दोषी है या नहीं. जज ने मामला शुरू होते समय कहा था कि यह केस 15 जून तक चल सकता है. राना पर आतंकवाद से संबंधित 15 मामले हैं लेकिन उसने कुछ भी स्वीकार नहीं किया है. उसका कहना है कि उसके बचपन के दोस्त डेविड हेडली ने उसे मुंबई के आतंकवादी हमलों में फंसा दिया.

दूसरी तरफ 50 साल के डेविड हेडली ने आतंकवाद से जुड़े 12 आरोपों को स्वीकार कर लिया है. इसके साथ उसे गारंटी मिल गई है कि उसे मौत की सजा नहीं दी जाएगी और भारत, डेनमार्क या पाकिस्तान प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः ए कुमार

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