स्वीडन में भी भारतीय मां से बच्चा छीना
२ मई २०१२एनआरआई एनी जॉनसन का आरोप है कि स्वीडिश प्रशासन ने उनके 11 साल के बेटे डोमिनिक को उनसे अलग रखा है. डोमिनिक 2009 से स्वीडिश प्रशासन की निगरानी में पालना घर में रह रहा है. नॉर्वे में ऐसा ही मामला सामने आने के बाद एनी जॉनसन नए सिरे से अपने बेटे को वापस पाने की कोशिश कर रही हैं.
एनी के मुताबिक करीब तीन साल पहले अधिकारी उनके बेटे को आपातकालीन पालना घर ले गया. अधिकारियों ने बच्चे की मां पर आरोप लगाया कि वह अपने बेटे की सही ढंग से देख रेख नहीं कर रही हैं. एनी कहती हैं कि स्वीडन के अधिकारियों को भारतीय संस्कृति और परम्पराओं का अंदाजा कतई नहीं है.
अपने बच्चे को वापस पाने के लिए एनी स्वीडन के एक एनजीओ के संपर्क में हैं. स्माइल नाम का भारतीय एनजीओ स्वीडिश गैर सरकारी संगठन के संपर्क में है. स्माइल के सेक्रेटरी राजीव सरकार के मुताबिक एनी, डोमिनिक को वापस पाते ही हमेशा के लिए भारत लौटना चाहती हैं.
डोमिनिक के रिहाई के लिए एनी भारत सरकार से भी दखल देने की मांग कर रही हैं. एनजीओ ने एनी की अर्जी भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को भेजी है. अर्जी की प्रतियां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, अप्रवासी मामलों के मंत्री और गृह मंत्री को भी भेजी गई है. एनजीओ के मुताबिक भारत का विदेश मंत्रालय एनी की एक अर्जी पर विचार भी कर रहा है.
ऐसा ही एक मामला बीते साल स्वीडन के पड़ोसी देश नॉर्वे में सामने आया. नॉर्वे प्रशासन ने बच्चों को हाथ से खाना खिला रहे मां-बाप पर देखभाल में लापरवाही का आरोप लगाया. कोलकाता के दंपत्ति से दो बच्चे छीन लिए गए. इस मामले में भारत सरकार ने दखल दिया और कुछ महीनों बाद बच्चे चाचा के साथ भारत लौट आए. एनी जॉनसन नॉर्वे में इस मामले को झेल चुके दंपत्ति अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य से भी मदद और मशविरा मांग रही हैं.
ओएसजे/एनआर (पीटीआई)