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सोने के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे

६ जनवरी २०२०

अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध की बढ़ती आशंकाओं के बीच सोने के दाम 2013 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं. प्रति आउंस सोना 1,588.13 डॉलर तक जा पहुंचा है. एक आउंस में 28,34 ग्राम होते हैं.

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Goldschmuck
तस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Adhikary

दिसंबर महीने की शुरुआत में सोने के दाम प्रति आउंस 1,450 डॉलर थे. लेकिन मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच बीते एक महीने में दाम तेजी से बढ़े हैं. इराक में ईरान के सर्वोच्च जनरल की अमेरिकी हमले में मौत के बाद तो युद्ध जैसे हालात बन रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरान ने अपने जनरल कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने की कोशिश की तो ईरान पर हमला किया जाएगा.

दूसरी तरफ, ईरान सरकार पर जनता की तरफ से बदला लेने का बहुत ज्यादा दबाव है. अपने परमाणु कार्यक्रम पर हुए समझौते से भी ईरान पीछे हट रहा है. वहीं इराकी संसद ने भी उस प्रस्ताव का समर्थन किया है जिसमें अमेरिकी सैनिकों से देश छोड़ जाने को कहा है.

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इसके बाद ट्रंप ने प्रतिबंधों की धमकी दी है. मध्य पूर्व में मंडरा रहे अस्थिरता के बादलों का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर भी देखा जा रहा है. सोमवार सुबह सोने के दाम भी प्रति आउंस रिकॉर्ड 1,588.13 डॉलर यानी एक लाख चार हजार रुपये तक जा पहुंचे. तेल के दामों में भी उछाल दर्ज किया गया है.

मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (एमयूएफजी) में मुद्रा विश्लेषक ली हार्डमन का कहना है, "ईरान किसी ना किसी स्तर पर तो जवाबी कार्रवाई करेगा. इसीलिए जब तक यह तय नहीं हो जाता है कि अमेरिका और ईरान के बीच हालात किस तरह के रहने वाले हैं, तब तक निवेशकों में चिंता बनी रहेगी." उनका यह भी मानना है कि इन दोनों देशों के तनाव के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर भी प्रभावित हो सकती है. खासतौर से तेल के दाम बढ़ने पर चुनौतियां बढ़ेंगी.

वहीं, यूबीएस ग्लोबल वेल्थ मैनेजमेंट में मुख्य निवेश अधिकारी मार्के हायफेले कहते हैं, "भू-राजनैतिक घटनाओं का पहले अंदाजा लगाना मुश्किल होता है. लेकिन इससे पहले जब भी तनाव बहुत बढ़ा है, तब हमने देखा है कि व्यापक बाजार पर उसका असर कुछ ही समय रहता है जबकि स्थानीय बाजारों को उसके दुष्प्रभावों से निपटने में बड़ा समय लगता है."

एके/आरपी (डीपीए, एएफपी, रॉयटर्स)

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