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सुलझ जाता कश्मीर, मुशर्रफ ने की गड़बड़ः शरीफ

२९ मई २०११

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान 1999 में कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए तैयार थे, लेकिन तभी परवेज मुशर्रफ ने सरकार का तख्ता पटल दिया और सब कुछ छूट गया.

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Former Prime Minister Nawaz Sharif gestures during a press conference in Islamabad, Pakistan, on Monday, Aug. 25, 2008. Pakistan's ruling coalition collapsed Monday, torn apart by internal bickering just a week after it drove U.S. ally Pervez Musharraf from the presidency. Nawaz Sharif, announced Monday that he was pulling out of the 5-month-old alliance because it failed to restore judges ousted by Musharraf or agree to a neutral replacement. (AP Photo/Emilio Morenatti)
आजकल विपक्ष में हैं शरीफतस्वीर: AP

शनिवार को पाकिस्तान में परमाणु परीक्षणों की वर्षगांठ पर शरीफ ने कहा, "तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री (अटल बिहारी) वाजपेयी और मैं 1999 में कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए तैयार थे, लेकिन (जनरल) मुशर्रफ ने करगिल में जंग शुरू कर दी और फिर मेरी सरकार का तख्ता पलट दिया."

Pervez Musharraf, the former President of Pakistan, talks during a public rally of his new political party, the "All Pakistan Muslim League" in Birmingham, England, Saturday, Oct. 2, 2010. (AP Photo/Kirsty Wigglesworth)
मशर्रफ पर निशानातस्वीर: AP

अपने समर्थकों के बीच नवाज शरीफ ने कहा, "जब हमने 1998 में परमाणु परीक्षण किया तो भारत ने मानना शुरू कर दिया कि हम उसके बराबर हैं. उसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री लाहौर आए और हमने मीनार-ए-पाकिस्तान पर साझा प्रस्ताव जारी किया."

आधी दुनिया साथ

शरीफ ने कहा कि जब 1998 में उनकी सरकार ने परमाणु परीक्षण किए तो आधी दुनिया पाकिस्तान के साथ थी. उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कहता कि भारत के साथ कोई नहीं था. परमाणु परीक्षण करने पर भारत के साथ भी कई देश थे." नवाज शरीफ ने कहा कि परमाणु परीक्षण करने के बाद पाकिस्तान मजबूत हुआ लेकिन उसके बाद आई सैनिक सरकार ने इसे कमजोर कर दिया. उन्होंने कहा, "अगर पाकिस्तान के लोगों ने तानाशाहों को चुनी हुई सरकारों को सत्ता से बाहर करने से रोका होता तो आज पाकिस्तान तरक्की के रास्ते पर होता."

सरकार से नाराजगी

मुख्य विपक्षी पार्टी पीएमएल (एन) के नेता शरीफ ने कहा कि वह राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की सरकार से खुश नहीं हैं क्योंकि देश में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है और देश की संप्रभुता पर समझौते किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अपना तरीका नहीं बदला तो वह उसे बाहर का रास्ता दिखाने के लिए लोगों का साथ देंगे. उन्होंने कहा कि एबटाबाद में अमेरिकी सैन्य अभियान में ओसामा बिल लादेन की मौत और कराची में पीएनएस मेहरान नौसैनिक अड्डे पर हमले से पाकिस्तान हिला हुआ है.

** FILE ** In this July 1, 2008 file photo, Pakistan's Asif Ali Zardari husband of slain politician Benazir Bhutto touches her photo during his speech to the twenty-third Congress of the Socialist International at the Lagonissi Grand Resort, about 40 kilometers (25miles) south of Athens. Pakistan's ruling coalition collapsed Monday, Aug. 25, 2008, brought down by internal bickering exactly one week after the two main parties united to drive U.S. ally Pervez Musharraf from the presidency. (AP Photo/Thanassis Stavrakis, File)
जरदारी से भी खुश नहीं नवाज शरीफतस्वीर: AP

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम

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