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सीरिया में 120 सुरक्षाकर्मी मारे गएः सरकारी टीवी

७ जून २०११

पश्चिमोत्तर सीरिया में 'हथियारबंद गिरोह' ने 120 सुरक्षाकर्मियों को मार दिया है जिसके बाद अधिकारियों ने गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है. सीरिया में महीनों से राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे है

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Pro Palestinians protesters run from tear gas fired by Israeli troops along the border between Israel and Syria near the village of Majdal Shams in the Golan Heights, Sunday, June 5, 2011. Israeli troops on Sunday battled hundreds of pro-Palestinian protesters who tried to burst across Syria's frontier with the Golan Heights, killing a reported 20 people and wounding scores more in the second outbreak of deadly violence in the border area in less than a month.(AP Photo/Ariel Schalit)
तस्वीर: AP

यह घटना जिस्र अल सुगुर शहर की बताई जाती है. सरकारी टीवी के मुताबिक, "हथियारबंद गुट वास्तविक नरसंहार कर रहे हैं. उन्होंने शवों के साथ बरबर सलूक किया है और कइयों को अस्सी नदी में फेंक दिया गया है. उन्होंने सरकारी इमारतों को आग भी लगाई है." सरकारी टीवी की खबर के मुताबिक कुल 120 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं जिनमें से 80 की मौत शहर के सुरक्षा मुख्यालय पर हुई. इस खबर में जिस्र अल सुगुर शहर की घटना की तारीख नहीं बताई गई है.

epa02767793 A protester holds up the Syrian national flag as hundreds of Syrians and Palestinians try to cross the Syrian-Israeli borders to mark the outbreak of the 1967 Six-Day War, an event they call the 'Naksa' (setback), near the village of Qonaitra, in the Golan Heights, Syria on 05 June 2011. At least 13 people died and 225 were injured 05 June when Israeli soldiers opened fire on Syrians and Palestinians trying to breach the Israeli-controlled border on the occupied Golan Heights, the second such attempt in weeks, Syrian television reported. EPA/YOUSSEF BADAWI +++(c) dpa - Bildfunk+++
तस्वीर: picture alliance/dpa

गृह मंत्री मोहम्मद इब्राहिम अल शार ने टीवी पर एक बयान में कहा कि आधिकारी इस घटना का मुंहतोड़ जवाब देंगे. उन्होंने कहा, "राष्ट्र सख्ती से कार्रवाई करेगा, पूरी ताकत और कानून के साथ. हथियारबंद हमले को देखते हुए हाथ पर हाथ रखे नहीं बैठा जाएगा." सोमवार को अपनी शुरुआती रिपोर्ट में राष्ट्रीय टीवी ने घात लगा कर किए गए हमले में 20 अधिकारियों के मारे जाने की बात कही. इसके मुताबिक, "पुलिस और सुरक्षा एजेंट सैंकड़ों हथियार बंद लोगों से मुकाबला कर रहे हैं. वे बंदूकधारियों के कब्जे वाले एक जिले को मुक्त कराने में सफल रहे हैं."

सेना में 'बगावत' हुई

वहीं साइप्रस से एएफपी को दो कार्यकर्ताओं ने बताया है कि जिस्र अल सुगुर सोमवार को शांत था. उनका कहना है कि शहर के सुरक्षा मुख्यालयों पर बगावत हो गई है जहां एक दिन पहले गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं. इनमें से एक ने कहा, "मुझे लगता है कि उन्होंने उन पुलिसकर्मियों को फांसी दे दी है जिन्होंने प्रदर्शकारियों पर गोली चलाने से इनकार कर दिया. सेना में बगावत हो गई है." दूसरे ने कहा, "सेना मुख्यालय पर धमाके की आवाजों के बाद गोलीबारी हुई. शायद यह विद्रोह होने के बाद हुआ."

In this citizen journalism image made on a mobile phone and provided by Shaam News Network, taken on Friday, May 27, 2011 and made available May 29, Syrian anti-regime protesters carry national flags during a rally in Talbiseh, in the central province of Homs, Syria. Syrian government troops backed by tanks attacked Sunday, May 29, Rastan and Talbiseh, two central towns that have seen intense protests against President Bashar Assad's regime leaving at least two people dead and several wounded, activists and a rights group said. (AP Photo/Shaam News Network) EDITORIAL USE ONLY, NO SALES, THE ASSOCIATED PRESS IS UNABLE TO INDEPENDENTLY VERIFY THE AUTHENTICITY, CONTENT, LOCATION OR DATE OF THIS HANDOUT PHOTO
तस्वीर: AP

इससे पहले रविवार को कम से कम 40 लोग मारे गए जिनमें 35 जिस्र अल सुगुर में मारे गए. यह बात लंदन स्थित एक सीरियाई मानवाधिकार संगठन के रामी अब्देल रहमान ने दी. उन्होंने कहा कि शहर में 27 आम लोग और आठ सुरक्षाकर्मी मारे गए. सुरक्षा बल इदीबी में प्रदर्शनों को सख्ती से दबाने में जुटे हैं.

मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि सीरिया में मार्च के मध्य में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू होने के बाद से वहां 1,100 लोग मारे गए हैं जबकि 10 हजार सरकार विरोधियों को गिरफ्तार किया गया है. सीरियाई सरकार इन प्रदर्शनों के लिए 'हथियारबंद आतंकवादी संगठनों' और विदेशी एजेंटों को जिम्मेदार बताती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एमजी

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