1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सीरिया पर एकमत हुई सुरक्षा परिषद

१४ अप्रैल २०१२

संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों के बीच सीरिया में 30 पर्यवेक्षक भेजने पर सहमति बन गई है. ये पर्यवेक्षक होंगे तो सैनिक लेकिन निशस्त्र. शनिवार को संयुक्त राष्ट्र में यह फैसला लिया गया.

https://p.dw.com/p/14dzc
तस्वीर: AP

यह तैनाती संघर्ष विराम पर नजर रखने की दिशा में पहला कदम है. गुरुवार को शुरू हुए संघर्ष विराम को लेकर चिंता जताई जा रही थी क्योंकि राष्ट्रपति बशर अल असद ने बड़े शहरों से सेना नहीं हटाई थी और शनिवार को होम्स के जिलों में सेना के बमबारी की खबरें आई. शनिवार को 15 देशों वाली सुरक्षा परिषद ने इन पर्यवेक्षकों की तुरंत तैनाती पर वोट दिया. ताकि शांति के लिए सीरिया की पार्टियों से बातचीत शुरू की जा सके. और पूरी तरह से शांति कायम की जा सके. यूएन अरब लीग के दूत कोफी अन्नान इन सैनिकों को सीरिया में चाहते थे.

Iran Kofi Annan
कोफी अन्नान सीरिया पर समर्थन के लिए ईरान मेंतस्वीर: Fars

उम्मीद हारते शरणार्थी

सीरिया पर हो रही राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय उठापटक के बीच तुर्की से लगी सीरिया की सीमा के पास पहुंचे शरणार्थी धीरे धीरे उम्मीद खो रहे हैं कि वह कभी अपने घर लौट सकेंगे. तेरकिया जारजुरेह कहती हैं, "हमने जिस्र अल शगूर में अपना घर करीब 11 महीने पहले छोड़ा था. और मुझे लगता है कि घर लौटने का इंतजार अभी लंबा है."

तुर्की में सीमा के पास बने इन शिविरों में तीन बड़े स्कूल बनाए जा रहे हैं. दो मस्जिदें हैं. सीरियाई शरणार्थी शिविर किलिस की व्यवस्था संभालने वाले सूफी अतान कहते हैं, "यह शिविर नहीं, यह एक शहर है. अगले महीने आपको यहां एक नई दुनिया दिखाई देगी, ड्रीम सिटी की तरह."

लिनोलियम लगे फर्श वाले ऑफिस में अतान आने वाले लोगों को शिविर का नक्शा दिखाते हैं. यहां सीरिया के 25 हजार शरणार्थियों में से करीब आधे रहते हैं. वह बहुत खुशी से उस दुकान का भी जिक्र करते हैं जहां जूतों से लेकर सब्जियों तक सब कुछ उपलब्ध है. उधर सीरिया में सुरक्षा कर्मी और विद्रोही पूरे दो दिन तो संघर्ष विराम का पालन कर पाए. शनिवार सुबह फिर बमबारी की खबरें आई.

A Syrian refugee runs with a Syrian opposition flag during a demonstration against Syria's President Bashar al-Assad, outside the Syrian embassy in Amman April 13, 2012. REUTERS/Ali Jarekji (JORDAN - Tags: POLITICS TPX IMAGES OF THE DAY)
सीरियाई शरणार्थीतस्वीर: Reuters

तुर्की में शिविर

अतान बताते हैं कि तुर्की ने करीब 15 करोड़ डॉलर इन शिविरों पर खर्च किए हैं. किलिस को बनाने में ही उन्हें पांच करोड़ लगे और हर महीने इसे चलाने का खर्चा दो करोड़ डॉलर है. तुर्की अब अंतरराष्ट्रीय सहायता ले रहा है और खर्च बांट रहा है.

किलिस में पांच सौ तुर्की काम करेंगे जिसमें पुलिस, टीचर और डॉक्टर्स शामिल हैं. हाल ही में बने क्लीनिक में एक्स रे मशीन और ऑपरेशन रूम बनाए जाएंगे. सीमा से सीरिया के झंडे दिखाई देते है. सीरिया के गृह मंत्रालय ने सभी शरणार्थियों से लौट आने को कहा है. लेकिन प्रदर्शनों के दौरान घायल 15 साल के महमूद इस बारे में सोच भी नहीं रहे. "मुझे देखिए, आजादी मांगने पर इतना बड़ा घाव मिला है मुझे. मैं तब तक नहीं लौटूंगा जब तक बशर चले नहीं जाते."

25 साल के मुस्तफा हमा के कार्यकर्ता मुस्तफा को पैर में गोली लगी थी. वह तुर्की में मिले इस नए घर के लिए शुक्रगुजार है. "वह हमारे लिए यहां महल भी बना देंगे तो भी हम यह नहीं भूल सकेंगे कि हम शरणार्थी हैं. यहां सपने देखना मुश्किल है. यहां रहने का मतलब कुछ समय के लिए. हमारे सपने तो मर चुके हैं."

एएम/आईबी (रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी