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सीरिया के अलेपो में हमले जारी

२९ जुलाई २०१२

सीरिया की आर्थिक राजधानी अलेपो में दूसरे दिन भी लगातार गोलाबारी चलती रही. लाखों लोग शहर में फंसे हुए हैं. विपक्ष संयुक्त राष्ट्र से बीच बचाव की गुहार लगा रहा है.

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तस्वीर: AP

सीरिया की विपक्षी पार्टी सीरियन नेशनल काउंसिल (एसएनसी) ने कहा है कि सरकार उत्तरी शहर अलेपो में नरसंहार की तैयारी कर रही है. एसएनसी लगातार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से हस्तक्षेप की मांग करती आई है. इस बार एसएनसी ने मांग की है कि संयुक्त राष्ट्र एक आपातकालीन बैठक बुलाए और सीरिया के बारे में किसी निष्कर्ष पर पहुंचे. एसएनसी के अध्यक्ष अब्देल बसेत सयदा ने विदेशी सरकारों से अपील की है कि सरकार का सामना करने के लिए वे विरोधियों को भारी हथियार मुहैया कराएं.

20 जुलाई को विरोधियों ने इस शहर पर कब्जा कर लिया था. दो दिन तक हैलीकॉप्टर और टैंकों की मदद से हमले करने के बाद अब सेनाएं जमीनी हमला कर रही हैं. एक विरोधी अबू अला ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि अलेपो के सलाहेद्दीन जिले में सरकार अब भी बमबारी कर रही है. इसी इलाके में शनिवार को भी हमले किए गए थे. अला ने बताया कि शहर के कई हिस्सों में सेनाओं और विरोधियों के बीच झड़प चल रही है, "शहर के बीच जो इलाके हैं वहां बाजार और रिहायशी इलाका है और वहां गलियां इतनी पतली हैं कि टैंक नहीं घुस सकते."

सरकार का विश्वास

सीरिया के विदेश मंत्री वालिद अल मुआलम इस बीच अचानक ही ईरान यात्रा पर निकल पड़े हैं. अलेपो में चल रहे संघर्ष के बारे में उन्होंने कहा है कि उन्हें पूरा विश्वास है कि विद्रोहियों को मार गिराया जाएगा. तेहरान के विदेश मंत्री अली अकबर सालेही ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि बशर अल असद की सरकार गिर जाती है तो इसके नतीजे बहुत बुरे हो सकते हैं और इसका असर पूरे देश पर और फिर पूरी दुनिया पर पड़ेगा.

सीरिया में मौजूद एएफपी के पत्रकार का कहना है कि हालांकि हमले दोनों ही तरफ से किए जा रहे हैं लेकिन विरोधी ज्यादातर बचाव में ही ऐसा कर रहे हैं. पत्रकार के अनुसार 25 लाख की आबादी वाले इस शहर में अधिकतर लोग तहखानों में छिप कर अपनी जान बचा रहे हैं.

Krieg in Syrien Kämpfe in Aleppo
तस्वीर: dapd

नो फ्लाई जोन की मांग

फ्री सीरिया आर्मी (एफएसए) के कर्नल अब्देल जब्बर अल ओकाइदी का कहना है कि सलाहेद्दीन में सेनाओं को काफी नुसान पहुंचा है, पर साथ ही कई नागरिकों की जानें भी गयी हैं, "हमने आठ टैंक नष्ट कर दिए हैं और सौ सैनिकों को मार गिराया है. तीन विद्रोही मारे गए हैं और कई नागरिक भी." ओकाइदी का कहना है कि नागरिकों को ज्यादातर नुकसान हवाई हमलों के कारण उठाना पड़ रहा है, "एफएसए हवाई हमलों का सामना कर सकती है. इस गोलाबारी का एफएसए पर कोई असर नहीं हो रहा, लेकिन नागरिकों पर इसका बहुत असर पड़ रहा है." ओकाइदी ने पश्चिमी देशों से नो फ्लाई जोन लगाने की मांग की है, "हमें बस एक नो फ्लाई जोन की करूरत और उसके बाद हम इस सरकार को गिराने में सफल होंगे."

पूर्व संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान ने दोनों पक्षों से शांति की अपील की है. अन्नान ने कहा है कि इस समस्या का केवल राजनैतिक समाधान हो सकता है. मार्च 2011 में शुरू हुए इस संघर्ष में अब तक बीस हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.

आईबी/एनआर (एएफपी)

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