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सीरिया की रासायनिक हमले की चेतावनी

२४ जुलाई २०१२

पश्चिमी देश प्रतिबंध लगाने की फिराक में हैं और सीरिया उन्हें अंगूठा दिखा रहा है. उसने अरब लीग के प्रस्ताव को ठुकराने के साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि विदेशी हमले की सूरत में वो रासायनिक हथियार भी इस्तेमाल कर सकता है.

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तस्वीर: AP

सीरिया ने चेतावनी दी है कि विदेशी हमले की सूरत में वह रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करेगा. सीरियाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जिहाद माकदिसी ने कहा है कि रासायनिक या जैविक हथियारों का, "कभी इस्तेमाल नहीं होगा अगर सीरिया में बाहर से हमला नहीं हुआ तो." माकदिसी के मुताबिक इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल सीरिया कभी भी अपने लोगों के खिलाफ नहीं करेगा. साथ ही कहा, "ये कभी भी सीरिया के संकट में इस्तेमाल नहीं होंगे." माकदिसी का कहना है कि देश में राजनीतिक दलों के सहयोग से अभियान चलाया जा रहा है जिससे कि महाविनाश के हथियारों के नाम पर सीरिया में दखल देने के लिए अंतरराष्ट्रीय लोगों का मन बनाया जा सके.

Syrische Rebellen in der Nähe von Aleppo
तस्वीर: picture-alliance/dpa

इस एलान के साथ ही पहली बार यह बात पता चली है कि उसके पास रासायनिक या जैविक हथियार भी हो सकते हैं. माना जा रहा है कि सीरिया के पास नर्व एजेंट, मस्टर्ड गैस और इन्हें ढोने में सक्षम स्कड मिसाइल और दूसरे परंपरागत हथियार मौजूद हैं. इनमें टैंक रोधी रॉकेट और छोटी विमानभेदी मिसाइलें शामिल हैं. इस्रायल ने कहा है कि उसे डर है कि सीरिया में चल रही उठा पटक का फायदा उठा कर दुश्मन देश वहां के रासायनिक हथियारों पर कब्जा कर सकते हैं. इस्राएल ने ऐसी स्थिति को रोकने के लिए सीरिया पर हमले की आशंका से भी इनकार नहीं किया है.

रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की चेतावनी ने देश पर उसकी कमजोर होती पकड़ और विद्रोहियों की मजबूत होती ताकत का अहसास भी करा दिया है. पिछले हफ्ते विद्रोहियों ने इस जंग में कई अहम कामयाबियां हासिल की हैं. इनमें वह बम हमला भी शामिल है जिसमें सीरिया के रक्षा मामलों से जुड़े चार प्रमुख अधिकारी मारे गए हैं. इसके अलावा दमिश्क और अलेप्पो में कई प्रमुख ठिकानों ने पर उन्होंने कब्जा कर लिया है.

Syrien / Damaskus / Zerstörungen
तस्वीर: Reuters

अलेप्पो सीरिया का सबसे बड़ा शहर है जहां करीब 30 लोख लोग रहते हैं. अलेप्पो विद्रोहियों के हमले के केंद्र में रहा है. विद्रोहियों के गुट ने रविवार को कहा कि वह शहर पर कब्जे के लिए निर्णायक जंग शुरू कर रहे हैं. शहर में ज्यादातर लड़ाई उत्तर पूर्व के इलाके में हुई है.

सीरिया ने अरब लीग के उस प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है जिसमें राष्ट्रपति बशर अल असद से सत्ता छोड़ने की अपील की गई थी. माकदिसी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हमें अफसोस है कि अरब लीग अपनी ही संस्था के एक सदस्य देश के बारे में इतना गिर कर सोच रहा है. अगर दोहा में मिलने वाले अरब देश ईमानदार होते और सीरिया में खून खराबा रोकना चाहते तो उन्हें हथियारों की सप्लाई रोक देनी चाहिए, साथ ही भड़काने और दुष्प्रचार का काम बंद करना चाहिए." सीरियाई विदेश मंत्रालय ने अरब लीग के सारे बयानों को 'ढोंग' कहा है.

सोमवार को अरब लीग ने असद से कहा था कि देश भर में हो रहे खूनखराबे और जंग को रोकने के लिए उन्हें तुरंत सत्ता छोड़ देनी चाहिए. इसके साथ ही अरब लीग ने विद्रोही फ्री सीरियन आर्मी से अपील की कि वह राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट हो कर एक कार्यवाहक सरकार का गठन करे.

इस बीच यूरोपीय संघ ने सीरिया की जंग के कारण विस्थापित हुए लोगों को मानवीय सहायता के लिए और दो करोड़ यूरो की रकम देने का एलान किया है. इस रकम के साथ यूरोपीय संघ की तरफ से मानवीय सहायता के लिए दी गई कुल रकम 6.3 करोड़ यूरो पर पहुंच जाएगी. यूरोपीय संघ की मानवीय सहायता आयुक्त किस्टालिना जियॉर्जिवा ने कहा, "देश के भीतर लोगों की जरूरतें बहुत बड़ी हैं लेकिन आस पास के देशों में भाग कर पहुंच रहे शरणार्थियों की तादाद भी बड़ी है और उन्हें मदद की जरूरत है."

यूरोपीय संघ ने इस बीच सीरिया पर लगाए प्रतिबंधों को और सख्त कर दिया है. यूरोपीय संघ ने सदस्य देशों से सीरिया में जा रहे संदिग्ध सामान की सख्ती से जांच करने को कहा है. इसके साथ ही राष्ट्रपति बशर अल असद का साथ दे रही प्रतिबंधित कंपनियों की सूची में 29 नाम और जोड़ दिए हैं. यूरोपीय संघ का मानना है कि यह कंपनियां राष्ट्रपति के साथ हैं और स्थानीय लोगों पर हो रहे जुल्म से फायदा उठाने की कोशिश कर रही हैं. यूरोपीय संघ ने सीरिया को हथियारों की सप्लाई पर रोक और यूरोपीय संघ के देशों से जाने वाली पानी की सप्लाई पर भी रोक लगाने की योजना को भी मंजूरी दे दी है. यूरोपीय संघ ने मई 2011 में ही हथियारों की सप्लाई पर रोक का प्रस्ताव पारित कर दिया था. लेकिन 28 देशों को यह स्वतंत्र रूप से फैसला करने का अधिकार दे दिया कि वो खुद यह जांच कर सकें कि संदिग्ध कार्गो की जांच करनी है या नहीं. हालांकि सीरिया के पास मौजूद हथियारों में ज्यादातर रूस में बने हैं. बहुत कम हिस्सा ही ऐसा है जो यूरोप के दूसरे देशों से आता है. माना जा रहा है कि रूस हथियारों की सप्लाई अब भी जारी रखे हुए है. सिर्फ इतना ही नहीं रूस और चीन सीरिया के खिलाफ लगाए जा रहे संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को वीटो कर दे रहे हैं जिसने यूएन के हाथ बांध रखे हैं.

एनआर/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स)

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