1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सीमा विवाद पर आगे बढ़े भारत चीन

१७ जनवरी २०१२

भारत और चीन ने हिमालय की विवादास्पद सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए एक पैनल बनाया है. हिमालय की यही सीमा भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध का कारण बनी थी.

https://p.dw.com/p/13l2w
तस्वीर: picture-alliance/ dpa

साढ़े तीन हजार किलोमीटर लंबी सीमा पर शांति के लिए पैनल बनाने का फैसला मंगलवार को 15वीं बार हुई बैठक के बाद लिया गया. राष्ट्रीय सुरक्षा सचिव शिवशंकर मेनन और चीनी स्टेट काउंसलर दाई बिंगुओ के बीच यह बातचीत नई दिल्ली में हुई. समझौते में कहा गया है, दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि भारत चीन के सीमाई इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए एक सिस्टम बनाया जाएगा जो अहम सीमाई मुद्दों को सुलझाएगा.

इस पैनल का नेतृत्व भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे जिसमें सैन्य अधिकारी भी शामिल होंगे. इससे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी), जो कि भारत चीन सीमा है, उस पर किसी भी तरह की घुसपैठ के बारे में ताजा जानकारी दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच सीधे साझा हो सकेगी.

Tibet China Aufstand 1959 Indischer Grenzposten zu Tibet
तस्वीर: picture-alliance / dpa

दोनों देशों के बीच यह बातचीत नवंबर में होना तय थी लेकिन दलाई लामा के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच मतभेद के कारण यह टल गई. चीन नहीं चाहता था कि तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा दिल्ली में बौद्ध सम्मेलन में हिस्सा लें लेकिन भारत इससे सहमत नहीं था. बातचीत के बाद बयान में कहा गया, "इस दौर (15वें दौर) की बातचीत में सीमाई विवाद के हल पर बहस जारी रही." भारत चीन सीमा विवाद पर चीन में बातचीत के लिए भी दोनों पक्ष राजी हुए हैं. दाई बिंगुओ ने अपनी भारत यात्रा समाप्त करने से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी बातचीत की.

रिपोर्टः डीपीए/आभा एम

संपादनः एमजी

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें