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सियासी क्रिकेट में इमरान का स्विंग

२६ दिसम्बर २०११

पाकिस्तान के सबसे बड़े क्रिकेटर इमरान खान ने आखिरकार सियासी ग्राउंड पर भी जलवे दिखा ही दिए. हाशिए पर पड़े खान को अचानक पाकिस्तान में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है और कुशल कप्तान की तरह वह राजनीतिक टीम बनाने में लग गए हैं.

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तस्वीर: Abdul Sabooh

कराची की फील्डिंग इस बात का सबूत है कि इमरान खान की राजनीतिक पारी संवरने जा रही है. दर्शक दीर्घा में एक लाख लोगों का हुजूम और टीम में शाह महमूद कुरैशी जैसे धाकड़ खिलाड़ी का शामिल होना बताता है कि अगली बार चुनावी टूर्नामेंट में इमरान खान की टीम फाइनल तक पहुंच सकती है.

कभी कहर बरपाती स्विंग कराती गेंदों से बड़े बड़े बल्लेबाजों के छक्के छुड़ा देने वाले इमरान के सामने इस बार जो जोड़ी है, वह ऑफेंस नहीं डिफेंस की मुद्रा में आ गई है. राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी तो कब के बैकफुट पर बैटिंग कर रहे हैं, विपक्षी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नवाज शरीफ भी संभल कर गार्ड ले रहे हैं. उन्हें डर है कि बल्लेबाजी करने से पहले ही गिल्ली न उड़ जाए. इमरान पाकिस्तान पीपल्स पार्टी और मुस्लिम लीग दोनों के ही विकेट चटकाने को बेताब हैं.

NO FLASH Demonstration in Pakistan
तस्वीर: AP

नहीं छूटेगा क्रिकेट

59 साल के इमरान को पता है कि उनके नाम से क्रिकेट किस तरह जुड़ा है और इसीलिए सियासी हुजूम में भी इसका जिक्र करना नहीं भूलते. कराची में लोगों ने कहा, "मैं एक ईमानदार क्रिकेटर रहा हूं. मैं आपसे वादा करता हूं कि मैंने न तो क्रिकेट में और न ही राजनीति में कभी कोई फिक्सिंग की है." जाहिर तौर पर इमरान खान का इशारा पाकिस्तानी सेना की तरफ था. कहा जाता रहा है कि मौजूदा सत्ता से पार पाने के लिए पाकिस्तानी सेना इमरान खान को बढ़ावा दे रही है.

हालांकि कहा जा रहा है कि पश्तून होने की वजह से कराची में इमरान खान को देखने सुनने लाख लोग जमा हो गए. लेकिन इससे पहले भी अक्तूबर में लाहौर में उनकी रैली में करीब करीब इतने ही लोग आए थे. लगातार कामयाबी के बाद इमरान की टीम में दूसरी पार्टी से भी लोग जुड़ने लगे हैं. शाह महमूद कुरैशी कभी जरदारी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के तुरुप के इक्का रहे हैं. लेकिन कैम्ब्रिज से कानून की पढ़ाई कर चुके कुरैशी अब इमरान की टीम में हैं और जरदारी के खिलाफ आग उगल रहे हैं. इसी तरह नवाज शरीफ की पार्टी के बुद्धिजीवी और अहम सदस्य रहे जावेद हाशिमी भी इमरान के साथ खड़े हो चुके हैं.

Pakistan Land und Leute Imran Khan
तस्वीर: Abdul Sabooh

हिचकोले भरी सियासत

क्रिकेट से संन्यास लेने के चार साल बाद ही इमरान खान सियासी ग्राउंड पर उतर गए थे. 1996 में उनकी तहरीके इंसाफ पार्टी बन चुकी थी. लेकिन अगले साल के चुनाव में उन्हें एक सीट भी नहीं मिली. 1999 में जब परवेज मुशर्रफ ने सैनिक तख्ता पलट किया, तो इमरान उसका साथ दे रहे थे. उन्हें उम्मीद थी कि सैनिक शासक भ्रष्टाचार को खत्म करेगा. इमरान का दावा है कि मुशर्रफ ने उनसे 2002 में पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने को कहा, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. उसी साल हुए चुनाव में इमरान ने भारी भरकम तरीके से हिस्सा लिया और 272 सीटों में से सिर्फ अपनी सीट जीत पाए.

कभी रात भर पार्टियों में बिताने वाले इमरान का रुझान धीरे धीरे इस्लामी और अमेरिका विरोधी होता चला गया. अमेरिका की एक पत्रिका ने 2005 में जब कुरान पर विवादित लेख लिखा, तो इमरान बिफर उठे. उन्होंने परवेज मुशर्रफ से अपील की कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति से माफी की मांग करें. ऐसा नहीं हुआ और इमरान तथा मुशर्रफ की दूरियां बढ़ने लगीं. अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश जब 2006 में पाकिस्तान गए, तो इमरान ने विरोध प्रदर्शन की ठान रखी थी और सरकार को उन्हें नजरबंद करना पड़ा था.

हालांकि सैनिक सत्ता खत्म होने के बाद इमरान कुछ खास नहीं कर पाए और 2008 के चुनावों में औसत से भी खराब प्रदर्शन किया. लेकिन कभी नवाज शरीफ से ऊब चुकी पाकिस्तानी जनता ने बेनजरी भुट्टो की हत्या के बाद सहानुभूति के नाते पीपल्स पार्टी को आजमाया. आज जब दोनों ही पार्टियां नाकाम हो चुकी हैं, इमरान अगले चुनाव में जनता का नया हीरो बनने की कोशिश में हैं. पिछले कुछ महीनों में लाखों की संख्या में लोग इमरान की पार्टी में शामिल हुए हैं लेकिन जानकार खुल कर कुछ बड़े दावे करने से बच रहे हैं.

Pakistan Proteste
तस्वीर: AP

रंगीन जवानी

दरअसल पाकिस्तान के बंद समाज में इमरान खान को उनके रंगीन अतीत की वजह से ज्यादा पसंद नहीं किया जाता था. क्रिकेटर इमरान एक बिंदास नौजवान भी थे, जिनका वक्त ग्राउंड के अलावा खूबसूरत लड़कियों के बीच बीतता था. उन्होंने लंदन में पढ़ाई की है और वहां वह रात-रात भर पार्टी करने के लिए मशहूर रहे हैं. इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड की ही जेमिमा गोल्डस्मिथ से शादी कर दी. पाकिस्तान में लोगों को यह पसंद नहीं आया कि उनका क्रिकेट हीरो किसी गैर मुस्लिम से शादी करे. हालांकि यह शादी देर तक नहीं चली और दो बच्चों के बाद इमरान और जेमिमा में तलाक हो गया.

अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए जुनून की हद तक चले जाने को मशहूर इमरान ने कभी वर्ल्ड कप से जीती रकम अपनी मां के नाम पर बने शौकत खानम मेमोरियल कैंसर अस्पताल में झोंक दी थी, जिस पर खासा विवाद हुआ था. बाद में उन्होंने सियासत करने के लिए लंदन का अपना घर बेच दिया और उस पैसे से इस्लामाबाद में फार्म हाउस खरीद लिया. वहां अब फल लगाए जाते हैं और गायों के तबेले हैं. कभी झक्कास सूट बूट में दिखने वाले इमरान अब सिर्फ पारंपरिक पठान सूट में दिखते हैं.

बदलाव की सूनामी

खुद को बदल चुके इमरान खान अब पाकिस्तान को बदलने का दावा कर रहे हैं. उनका कहना है, "एक बार हम सत्ता में आए तो 90 दिनों में भ्रष्टाचार को खत्म कर देंगे. भ्रष्टों और भ्रष्टाचार के लिए हमारी पार्टी में कोई जगह नहीं. हम एक सूनामी लाने वाले हैं, जो अन्याय और भ्रष्टाचार को बहा देगी." अब यह देखना मजेदार होगा कि क्या उनकी जुबानी सूनामी चुनावों तक धारदार रह पाएगी या नहीं.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ

संपादनः महेश झा

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