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सिख विरोधी दंगे: कांग्रेस को अमेरिका से समन

२ मार्च २०११

अमेरिका की एक अदालत ने भारत में कांग्रेस पार्टी को 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में समन भेजा है. एक सिख संगठन ने कांग्रेस पर दंगों की साजिश रचने, उन्हें भड़काने और बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.

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तस्वीर: UNI

न्यू यॉर्क की एक अदालत ने कांग्रेस पार्टी को समन जारी किए हैं. सिख संगठन सिख्स फॉर जस्टिस ने 1984 के दंगों के सिलसिले में एक शिकायत दर्ज की. सिख्स फॉर जस्टिस का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने "1984 में सिख समुदाय के लोगों के खिलाफ साजिश रची, हमलों को बढ़ावा दिया और हमले किए." अब तक शिकायतों पर कार्रवाई शुरू नहीं हुई है.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और नगर विकास मंत्री कमल नाथ के खिलाफ यह शिकायत दर्ज की गई है. शिकायत में लिखा है, "आरोपी को गुरुद्वारा रकब गंज(नई दिल्ली) में कई लोगों ने देखा और सुना. उस दिन आरोपी लगभग चार हजार लोगों की भीड़ का नेतृत्व कर रहा था और लोग उसके नियंत्रण में थे."

कमल नाथ का कहना रहा है कि 1984 के दंगों में उनका कोई हाथ नहीं था. दंगों की जांच के लिए गठित नानावती आयोग के मुताबिक कमलनाथ की दंगों में कोई भूमिका नहीं रही है. हालांकि आयोग ने कमलनाथ के बयान को 'अस्पष्ट' बताया, लेकिन आयोग के निष्कर्ष के अनुसार इससे साबित नहीं किया जा सका कि कमलनाथ वाकई भीड़ को हमला करने के लिए उकसा रहे थे.

सिख्स फॉर जस्टिस ने अपने एक बयान में लिखा है कि सिखों की जिस तरह से हत्या हुई उसे सिर्फ दंगों का नाम नहीं दिया जा सकता. आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने 18 राज्यों और 100 शहरों में सिखों के खिलाफ हमलों की अगुवाई की थी.

सिख्स फॉर जस्टिस के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नून ने कहा, "जिस संगठित ढंग ये हमले किए गए और जिस स्तर पर ये हमले हुए, इनकी गंभीरता को भारत सरकार ने छिपा कर रखा और लगातार इसे 1984 में सिखों के खिलाफ दंगों का नाम दिया."

भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश भर में 3,296 सिखों की हत्या की गई जबकि देश भर में हत्या और चोट के मुआवजे के लिए सरकार के पास 35.535 अर्जियां लाई गईं.

रिपोर्टः पीटीआई/एमजी

संपादनः एस गौड़