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साइबर हमले का जवाब सैन्य कार्रवाई से दे सकता है अमेरिका

४ जून २०११

अमेरिका सेना के दस्तावेज लगातार हैकरों के निशाने पर रहते हैं. अमेरिका ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो इंटरनेट द्वारा किए जा रहे इन हमलों का जवाब सैन्य कार्रवाई से भी दिया जा सकता है.

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तस्वीर: BilderBox

सिंगापुर में शंग्रीला वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने कहा, "हम साइबर हमलों को बेहद गंभीरता से लेते हैं. हम इन्हें कई तरह के मापदंड पर तोलते हैं और इन्हें केवल किसी एक या दूसरे देश द्वारा किए गए हमले के रूप में नहीं देखते."

एक सवाल के जवाब में गेट्स ने कहा कि इस बात में कोई शक ही नहीं है कि अमेरिका का रक्षा तंत्र हर समय हैकरों के निशाने पर रहता है, इसीलिए अब इन हमलों से निपटना रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी बन गई है. गेट्स ने कहा कि वह कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन इन हमलों के स्रोत का पता लगाना आसान नहीं है, "साइबर हमलों में एक मुश्किल यह होती है कि आप हमला करने वाले को पहचान नहीं सकते. यह जानना बहुत मुश्किल होता है कि हमला कहां से हुआ है, और अगर आप पता लगा भी लें, तो इसमें बहुत वक्त लग जाता है."

Israel USA Verteidigungsminister Robert Gates bei Benjamin Netanyahu in Caesarea
अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्सतस्वीर: AP

युद्ध की चेतावनी

गेट्स ने चेतावनी दी कि इस तरह के हमलों का परिणाम देशों के बीच युद्ध भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि या तो देश इस पर किसी तरह रोक लगाएं या नतीजा भुगतने को तैयार रहें, "भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद गंभीर तनाव उत्पन्न हो सकता है, लेकिन हम ऐसा होने से रोक सकते हैं. हमें जल्द से जल्द कुछ नियम बनाने होंगे ताकि लोगों को यह पता लग सके कि किस तरह के हमलों को स्वीकारा जा सकता है और किन को नहीं, और साथ ही किस तरह के हमले युद्ध में तब्दील हो सकते हैं." गेट्स ने कहा कि जिन हमलों में सरकार को निशाना बनाया जाएगा उनका जवाब सैन्य कार्रवाई से दिया जा सकता है.

हाल ही में अमेरिकी उच्च अधिकारियों के गूगल अकाउंट हैक होने की बात सामने आई थी. हालांकि गूगल ने कहा है कि उसने इस हमले के खिलाफ कदम उठाए हैं और इसे नष्ट कर दिया है. इस हमले में अमेरिकी अधिकारियों के अलावा चीन के कई एक्टिविस्ट और पत्रकारों के पासवर्ड भी हैक किए गए थे. गूगल के अनुसार हमला चीन से शुरू हुआ, लेकिन न ही गूगल ने और न ही अमेरिकी सरकार ने चीन सरकार पर इसका आरोप लगाया है. अमेरिका ने चीन से इस मामले की जांच करने के लिए कहा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: ओ सिंह

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