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सरकार अगले सत्र में लागू करना चाहती है लोकपाल बिल

१० अप्रैल २०११

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि यूपीए सरकार संसद के अगले सत्र से लोकपाल विधेयक लागू करवाने के लिये तैयार है बशर्ते विपक्ष इसमें सहयोग दे.

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तस्वीर: UNI

लोकपाल बिल भ्रष्टाचार निरोधी बिल का प्रारूप है जिसे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जन लोकपाल की नियुक्ति के लिए तैयार किया है. जन लोकपाल एक स्वतंत्र निकाय होगा जो भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच करेगा. बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने लोकपाल बिल को संसद के अगले सत्र में पारित करने की मांग की है इसके जवाब में प्रणब मुखर्जी ने कहा, "अगर विपक्ष अपना सहयोग दे तो हमें इस बिल को पास करने में खुशी होगी. मैं इस सुझाव का स्वागत करता हूं. बीजेपी मुख्य विपक्षी पार्टी है. अगर वह(आडवाणी) अपने सदस्यों को समझाएं तो हम इस बिल को संसदीय समिति के पास भेजे बगैर ही पास करके बेहद खुश होंगे. लेकिन उन्हें बाहर एलान करने की बजाए अपने सदस्यों को समझाना चाहिए कि वो लोकसभा और राज्यसभा में सरकार के साथ सहयोग करें."

Indischer Oppositionspolitikers L.K.Advani Bharatiya Janata Party
तस्वीर: AP

इसके साथ ही प्रणब मुखर्जी ने बीजेपी नेता से यह भी पूछा कि जब उनके नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सत्ता में थी तो उन्होंने लोकपाल विधेयक लागू करने के लिए क्या किया. वित्त मंत्री ने सीधा सवाल किया,"आडवाणी ने क्या किया. जब वो एनडीए सरकार में गृह मंत्री थे तो उन्हें लोकपाल विधेयक लागू करने से किसने रोका था."

योग गुरू बाबा रामदेव ने विधेयक का प्रारूप तैयार करने वाली समिति में प्रशांत भूषण और शांति भूषण को शामिल किए जाने की आलोचना की है. प्रणब मुखर्जी ने इस आलोचना का जवाब यह कह कर दिया कि अन्ना हजारे ने ही इन नामों का प्रस्ताव रखा था. सरकार और आंदोलनकारियों के बीच इस बात पर सहमति बनी थी कि समिति में सरकार और नागरिक प्रतिनिधि की तरफ से बराबर सदस्य होंगे. यह भी तय हुआ कि सरकार के प्रतिनिधि का चुनाव प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करेंगे जबकि नागरिक प्रतिनिधि का चुनाव अन्ना हजारे करेंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः उभ

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