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ग्रीनहाउस गैसों के जमाव का नया रिकॉर्ड

२५ अक्टूबर २०२१

मौसम पर काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने कहा है कि 2020 में ग्रीनहाउस गैसों का जमाव बढ़ कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. रिपोर्ट ग्लासगो में शुरू होने वाले सीओपी26 जलवायु शिखर सम्मेलन से कुछ ही दिन पहले आई है.

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China Huainan Kohlekraftwerk
तस्वीर: Getty Images/K. Frayer

संयुक्त राष्ट्र की संस्था डब्ल्यूएमओ के मुताबिक महामारी की वजह से लगी तालाबंदी के दौरान ग्रीनहाउस गैसों के जमाव में अस्थायी घटाव जरूर देखने को मिला था लेकिन पिछले साल इसमें पिछले दशक के सालाना औसत से ज्यादा तेजी से बढ़त देखी गई.

संस्था ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड सब का स्तर सन 1750 के पूर्व औद्योगिक युग के समय के स्तर से ऊपर था. यह वो समय था जब इंसानी गतिविधियों ने "धरती के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ना शुरू कर दिया था."

लक्ष्य से बहुत दूर

संस्था के महासचिव पेटेरी टालस ने कहा, "ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन में सीओपी26 में शामिल होने वाले वार्ताकारों के लिए एक सख्त, वैज्ञानिक संदेश है. अगर इसी दर से जमाव होता रहा तो इस शताब्दी के अंत तक तापमान इतना बढ़ जाएगा कि वो पेरिस समझौते के लक्ष्य से कहीं ज्यादा होगा".

Island | CO2 Aufnahmeanlage
आइसलैंड स्थित हवा से कार्बन डाइऑक्साइड सोख लेने वाला एक विशाल प्लांटतस्वीर: Cover-Images/imago images

पेरिस समझौते के तहत धरती के तापमान को पूर्व औद्योगिक काल के तापमान के स्तर से 1.5-2.0 डिग्री से ऊपर नहीं जाने देना है. टालस ने कहा, "हम लक्ष्य पाने की राह से बहुत दूर चले गए हैं."

गंभीर असर

रिपोर्ट के लिए जानकारी एक ऐसे नेटवर्क ने इकठ्ठा ने की थी जो समुद्र और जीवमंडल द्वारा सोख लेने के बाद वायुमंडल में बाकी बची ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा पर नजर रखता है. रिपोर्ट के मुताबिक कार्बन डाइऑक्साइड के जमाव के वैश्विक औसत ने पिछले साल 413.2 प्रति मिलियन का स्तर छू लिया.

Deutschland Fridays For Future Proteste in Berlin
बर्लिन में फ्राइडेज फॉर फ्यूचर के एक प्रदर्शन के दौरानतस्वीर: Maja Hitij/Getty Images

2020 की बढ़त पिछले दशक के सालाना औसत से ज्यादा थी. ऐसा तालाबंदी की वजह से जीवाश्म ईंधनों से निकलने वाले कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के स्तर में 5.6 प्रतिशत गिरावट के बावजूद हुआ.

टालस ने कहा कि 2015 में पार हो जाने वाला 400 प्रति मिलियन के ऊपर के स्तर का "हमारी रोजमर्रा की जिंदगी और भलाई, हमारे ग्रह की हालत और हमारे बच्चों और उनके बच्चों के भविष्य के लिए भारी नकारात्मक असर होगा."

सीके/एए (एपी)

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