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शुक्रवार तक सैनिक वापस बुलाने का रूस का वादा

२० अगस्त २००८

रूस ने कहा है कि वह इस हफ्ते के अंत तक, यानि 22 अगस्त कर जॉर्जिया में से अपने सैनिक हटा लेगा लेकिन दूसरी तरफ नाटो ने कहा है कि जब तक रूसी सैनिक जॉर्जिया में रहेंगे, तब तक रूस के साथ संबंध सामान्य नहीं होंगे.

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गोरी के निकट रूसी सैनिकतस्वीर: AP

अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने जॉर्जिया और रूस के बीच शस्त्रविराम समझौते के तहत रूसी सैनिकों की तुंरत वापसी की मांग की है. मंगलवार को ब्रसल्स में नाटो के विदेश मंत्रियों की आपात बैठक में भी तय हुआ था की रूस के साथ संपर्क तब तक सामान्य नहीं होंगे.रूसी विदेश मंत्री सैर्गेई लावरोव ने एक पत्रकार सम्मेलन में नाटो के बयान पर नाराज़गी जताई और कहा कि इस विवाद में उसका नज़रिया एकतरफा है और वह जॉर्जिया की "आपराधिक सरकार" का समर्थन कर रहा है.

रूस ने सुरक्षा परिषद प्रस्ताव ठुकराया

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी पश्चिमी देशों और रूस में तनाव साफ़ दिखाई दे रहा है. पश्चिमी देशों ने सुरक्षा परिषद द्वारा प्रस्ताव जारी करने की वक़ालत की जिसमें रूस से तुरंत जॉर्जिया से सैनिक हटाने की मांग की जाने वाली थी. सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य रूस ने इसके मसौदे को ठुकरा दिया.

Montage Jaap de Hoop Scheffer und Dmitriy Medvedev
नाटो के महासचिव शेफर और रूसी राष्ट्रपति मेद्वेदेवतस्वीर: AP / PD / DW

इससे पहले रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव ने कहा था कि सैनिक 22 अगस्त तक वापस बुला लिये जाएंगे. क्रेमलिन के एक बयान में बताया गया कि मेद्वेदेव ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सार्कोज़ी के साथ टेलिफोन पर बात की और कहा कि अस्थाई सुरक्षा ज़ोन में से शांति सैनिक वापस बुला लिये जाएंगे. इसके अलावा सार्कोज़ी के दफ्तर से जारी किये गए बयान में बताया गया कि मेद्वेदेव, यूरोपीय सुरक्षा और सयोग संस्था के पर्यवेक्षकों की बफर ज़ोन में उपस्थिति के लिए भी राज़ी हो गए हैं.

जॉर्जिया से रूसी सैनिकों की वापसी

इस बीच जॉर्जिया के गोरी शहर में छह रूसी सैनिक दस्ते, तीन टैंक और दो अन्य क़ाफिले शहर से बाहर जाते देखे गए. रूसी सरकार ने कहा कि पहला जत्था हटना शुरू हो गया है. लेकिन जॉर्जिया के एक सरकारी अधिकारी शोता उतिआश्विली के अनुसार यह कोई मायने नहीं रखता क्योंकि "समय समय पर रूसी सैनिक जाते तो हैं लेकिन वे वापस भी आ जाते हैं."

Präsident Michail Saakaschwili reagiert während einer Kundgebung in Tiflis, Georgien
जॉर्जियाई राष्ट्रपति साकाश्विली के लिए कठिन समय जारीतस्वीर: AP

जॉर्जिया के राष्ट्रपति मिखाइल साकाश्विली ने ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड मिलीबैंड के साथ त्बिलिसी में एक मुलाका़त के बाद पत्रकारों को बताय कि रूस केवल जॉर्जियाई सरकार को ही नहीं पूरे जॉर्जिया को ही मिटा देना चाहता है, "रूस जॉर्जियाई सराकर को खत्म करने पर तुला है. साफ दिख रहा है कि उसकी कार्रवाई हमरी संरचना को नष्ट करने पर लक्षित है. वह लोगों में डर पैदा कर करना चाहता है और सरकार के साथ साथ जॉर्जिया की स्वतंत्रता को भी खत्म करना चाहता है."

दूसरी तरफ रूस का कहना है कि साकाश्लविली ने रूसी समाचार चैनलों और इंटरनेट वेबसाइटों पर रोक लगा रखी है और वे कहीं से लोकतांत्रिक राष्ट्रपति नहीं कहलाए जाएंगे.

अमेरिका का रुख अस्पष्ट

इस बीच जॉर्जिया के निकट सहयोगी अमेरिका में भी अब उल्टी गंगा बहती दिख रही है. हालांकि अमेरिका रूसी सैनिकों की तुरंत वापसी की मांग कर रहा है, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, मैट बिर्ज़ा, ने बताया कि अमेरिका ने पहले ही जॉर्जिया को चेतावनी दी थी कि उसे रूस के साथ सीधे सैनिक कार्रवाई नहीं करनी चाहिये क्योंकि रूस, जॉर्जिया से 30 गुना बड़ा है और उसकी सेना भी.