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शारापोवा को झटका, क्विटोवा विम्बलडन चैंपियन

२ जुलाई २०११

रूस की मारिया शारापोवा के अरमानों को चकनाचूर करते हुए चेक रिपब्लिक की पेट्रा क्विटोवा ने विम्बलडन का खिताब अपनी झोली में डाला. पहला ग्रैंड स्लैम जीतने वाली क्विटोवा ने शारापोवा को सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से हराया.

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तस्वीर: AP

आठवीं वरीयता प्राप्त क्विटोवा विम्बलडन खिताब जीतने वालीं तीसरी चेक रिपब्लिक की टेनिस खिलाड़ी हैं. क्विटोवा इससे पहले कभी किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में नहीं खेली हैं और जब विम्बलडन चैंपियनशिप जीतने का विजयी शॉट उन्होंने लगाया तो वह कोर्ट पर खुशी में बैठ गईं. 1990 में मार्टिना नवरातिलोवा के खिताब जीतने के बाद पहली बार है जब किसी बाएं हाथ से खेलने वाली खिलाड़ी ने विम्बलडन जीता है.

जीत के बाद क्विटोवा को अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए शब्दों को ढूंढना पड़ा. "मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकी. रॉयल बॉक्स में महान खिलाड़ी बैठे हैं. मुझे खेलते हुए देखना और मेरा समर्थन करना मेरे लिए शानदार है." रॉयल बॉक्स में मार्टिना नवरातिलोवा और याना नोवात्ना बैठे हुए थे.

लेकिन रूस की मारिया शारापोवा बेहद निराश हैं. 2004 में जीतने वालीं शारापोवा सात साल बाद एक बार फिर खिताबी जीत की उम्मीद कर रहीं थीं. उन्हें ही विम्बलडन का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन चौथा ग्रैंड स्लैम जीतने का ख्वाब फिलहाल अधूरा रह गया. शारापोवा ने मैच के बाद कहा, "मंच पर उपविजेता की ट्रॉफी पकड़ना अच्छा लगता है लेकिन मैं आज खिताब जीतना चाहती थी. लेकिन मैं फिर वापस आकर उसे अपने हाथ में उठाने की कोशिश करूंगी."

शारापोवा की सर्विस बेहद खराब रही जिसका खामियाजा उन्होंने मैच हारकर भुगता. यही वजह रही कि क्विटोवा को उनकी सर्विस तोड़ने में कोई खास मुश्किल नहीं हुई. मैच शुरू होते ही दोनों खिलाड़ी नर्वस नजर आईं और एक एक बार दोनों की सर्विस टूटी.

पहले सेट में क्विटोवा ने 2-1 की बढ़त बना ली और फिर छठे गेम में शारापोवा की सर्विस ब्रेक की. शारापोवा के डबल फॉल्ट करने के बाद क्विटोवा 4-2 से आगे हो गईं और फिर अपनी सर्विस कायम रखने से बढ़त 5-2 की हो गई. अगले गेम में भी शारापोवा की खराब सर्विस बरकरार रही लेकिन किसी तरह वह गेम बचाने में सफल रहीं और स्कोर 5-3 हो गया. क्विटोवा ने अपनी सर्विस बरकरार रखते हुए पहला सेट 6-3 से जीत लिया. अगला सेट 6-4 से जीत कर क्विटोवा ने खिताब पर अपने नाम की मुहर लगा दी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: एमजी

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