शारापोवा की शिकस्त से शुरू विक्टोरिया की विजय
२८ जनवरी २०१२आप इसे दो चीखती, गुर्राती बिल्लियों की लड़ाई भी कह सकते थे. अजारेंका और शारापोवा की कोर्ट पर चीखों ने उनके मुकाबले में उतरने वालों को खूब चिढ़ाया है. शनिवार को दोनों आमने सामने थीं और अजारेंका की हर चीख उसका मनोबल बढ़ा रही थी तो शारापोवा की हर चीख गुजरते वक्त के साथ घबराहट और निराशा में बदल रही थी.
विक्टोरिया अजारेंका ने मारिया शारापोवा को सीधे सेटों में 6-3, 6-0 से हराया. महज 90 मिनट के गेम में अजारेंका ऑस्ट्रेलियाई ओपन की महिला चैम्पियन बन गईं. इस जीत के साथ ही डब्ल्यूटीए में उनकी रैंकिंग भी नंबर वन हो गई है. यह उनका पहला ग्रैंड स्लैम खिताब है.
जीत का श्रेय अपनी दादी को देते हुए अजारेंका ने कहा, "मैं अगले साल तक वापस आने का इंतजार नहीं कर सकती. मेरे लिए ऑस्ट्रेलिया में यह महीना शानदार रहा है. मेरा सपना सच हो गया." उधर हार से काफी निराश लग रही शारापोवा ने भर्राए गले से बस इतना कहा, "हर खेल की तरह इसमें आपके अच्छे और बुरे दिन होते हैं. आप कठिन दिनों से गुजरते हैं और ऐसे भी दिन आते हैं जब आप कुछ कर नहीं पाते. आज विक्टोरिया बेहद शानदार थी."
बेलारूसी बाला ने रूसी शारापोवा के चौथे ग्रैंड स्लैम और दूसरे ऑस्ट्रेलियाई ओपन जीतने का इरादा ध्वस्त कर दिया. तीसरी बार फाइनल में एक दूसरे के सामने मौजूद दोनों सुंदरियों पर दुनिया भर की नजरें टिकी थीं और अजारेंका ने गेम को कभी अपने हाथ से बाहर नहीं निकलने दिया.
पहला सेट 6-3 से जीतने के बाद अजारेंका ने शारापोवा को बिल्कुल बेदम कर दिया. शारापोवा के शॉट्स को बड़ी आसानी से अजारेंका संभालती गईं और घबराई हुई पूर्व चैम्पियन एक के बाद एक कर गलतियां करती गईं. पूरे मैच में शारापोवा ने 30 से ज्यादा गलतियां की और पांच बार सर्विस गंवाई और वो भी बड़ी सामान्य परिस्थितियों में.
इससे पहलै ग्रैंड स्लैम में अजारेंका का सबसे अच्छा प्रदर्शन पिछले साल विम्बलडन में रहा था जब वो सेमी फाइनल तक पहुंची थी. अब उनके पास कुल 10 खिताब हैं और दो हफ्ते पहले शुरू हुए सीजन में अब तक वो अपराजेय रही हैं. अजारेंका ने 2005 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन का जूनियर खिताब जीता था और वो दुनिया की तीसरी ऐसी महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने सीनियर और जूनियर दोन वर्गों में विजय पाई है. उनसे पहले क्रिस ओ नील और एवोने गुलागोंग ने यह कारनामा किया था.
रिपोर्टः डीपीए,रॉयटर्स/एन रंजन
संपादनः ओ सिंह