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शर्म में डूबी हॉकी की हार

११ अगस्त २०१२

जिन उम्मीदों के साथ भारत की हॉकी टीम लंदन ओलंपिक में गई थी, उसे पूरी तरह से धूल में मिलाते हुए वह 12 टीमों के टूर्नामेंट में सबसे नीचे रही. दक्षिण अफ्रीका ने उसे 3-2 से हरा दिया.

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तस्वीर: DW/N. Pritam

भारतीय खिलाड़ियों ने छह मैचों में लगातार छह हार का रिकॉर्ड बनाया है. यह 8 बार ओलंपिक चैंपियन रहे भारतीय टीम का ओलंपिक में सबसे खराब प्रदर्शन है. बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं करने वाले भारतीय हॉकी टीम के साथ यह पहली बार हुआ है कि वह एक भी मैच नहीं जीत पाई. इससे पहले ओलंपिक में भारतीय टीम का सबसे खराब प्रदर्शन 1996 में अटलांटा ओलिंपिक में रहा था. अटलांटा में वह आठवें स्थान पर रही थी.

शनिवार को 11वें और 12वें नंबर के लिए खेले गए मैच में भारतीय टीम पूरे समय दक्षिण अफ्रीका के पीछे पीछे भागती रही जिसने 8वें मिनट में ही बढ़त हासिल कर ली थी. एंड्र्यू क्रोन्ये ने 8वें मिनट में, टिमोथी ड्रामंड ने 34वें और लॉयड नोरिस जोन्स ने 66वें मिनट में अपनी टीम के लिए गोल किए जबकि भारतीय गोल 14वें मिनट में संदीप सिंह और 67वें मिनट में धरमवीर सिंह की स्टिक से आए.

इस मैच में 2006 में जर्मनी के मोएन्शनग्लाडबाख में विश्वकप के दौरान हुए मुकाबले को दोहराया गया. उस वक्त भारत और दक्षिण अफ्रीका 11वें और 12वें स्थान के लिए भिड़े थे. दोनों ग्रुप की अंतिम टीमों को इस स्थान के लिए भिड़ाया जाता है. दक्षिण अफ्रीका की टीम ने भारतीय सुरक्षा पंक्ति की खामियों का लाभ उठाया. पूरे मैच में भारतीय स्ट्राइकर कॉर्नर बनाने या कॉर्नर का लाभ उठाने में नाकाम रहे. अंतिम मिनटों में उन्होंने कोशिश जरूर की लेकिन दक्षिण अफ्रीका की रक्षा पंक्ति ने ऐसा होने नहीं दिया.

तीसरे ही मिनट में भारत के युवा मिडफील्डर मनप्रीत सिंह को सिर में गहरी चोट लगने के बाद स्ट्रेचर पर मैदान के बाहर ले जाया गया, लेकिन बीस मिनट बाद वे पट्टी करवा कर फिर से मैदान पर लौट आए. संदीप ने क्रोन्ये की बढ़त को छह मिनट बाद ही बराबर कर दिया लेकिन भारतीय खिलाड़ी इसका लाभ नहीं उठा सकेए और दक्षिण अफ्रीका को फिर से बढ़त बनाने से नहीं रोक पाए.

एमजे/एनआर (पीटीआई)

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