वेनिस में देवदास और रेगिस्तानी फूल
२ सितम्बर २००९प्रतिस्पर्धा से बाहर भी अनेक फ़िल्में दिखाई जाएंगी. मिसाल के तौर पर देवदास की कहानी पर आधारित अनुराग कश्यप की फ़िल्म देव डी. सरसों के खेत से लेकर चमचमाती नीओन की दुनिया, पंजाबी भांगड़ा से लेकर रॉक संगीत पर थिरकन वेनिस की कसौटी पर होगी. इस बार अनुराग कश्यप को वेनिस महोत्सव की जूरी में भी शामिल किया गया है.
देव डी के अलावा वेनिस फ़िल्म महोत्सव में शामिल है अमित दत्त की फ़िल्म आदमी की औरत और अन्य कहानियां. इस फ़िल्म में तीन कहानियों के ज़रिये पुरुष और महिला के बीच संबंध, और साथ ही, उस माहौल पर नज़र डाली गई है, जिसमें वे रहते हैं. मसलन एक शख़्स किराए के एक मकान में रहता है, आंगन में एक पेड़ है, जिसकी शाखें उसकी खिड़की के पास तक हैं. उसे डर है कि इन शाखों से होकर उसके कमरे में सांप आ सकते हैं, लेकिन वह चाहता है कि गिलहरियां आएं. अपने डर की वजह से वह भटकता रहता है, और उसके मन में छाई रहती है मकान मालिक के क्वार्टर में रहने वाली एक ख़ामोश औरत.
वेनिस में इस बार जर्मन फ़िल्म जगत की अच्छी उपस्थिति है. मशहूर वरिष्ठ जर्मन फ़िल्मकार वैर्नर हैरत्सोग अमेरिकी निर्देशक आबेल फ़ेरारा की 1992 की फ़िल्म बैड लेफ़्टेनांट का रीमेक पेश कर रहे हैं. ड्रग सीन पर बनाई गई इस फ़िल्म के हीरो हैं निकोलास केज. फ़ातिह आकिन की फ़िल्म सोल किचेन में हैम्बर्ग के एक पब की तस्वीर पेश की गई है, जिसमें से उभरती है जर्मनी की बहुसांस्कृतिक दुनिया और उसकी समस्याएं. इसके अलावा जर्मन आप्रवासी ईरान की शिरी नेसहत की दस्तावेज़ी फ़िल्म में चार ईरानी औरतों की कहानी पेश की गई है.
वेनिस फ़िल्म महोत्सव के दर्शकों के लिए एक और आकर्षण है सोमालिया की बनजारिन मॉडल वारिस डिरी की आत्मकथा रेगिस्तानी फूल पर आधारित शेरी होरमान की फ़िल्म.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: महेश झा