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वीरू चाहे धोनी, तय है हार होनी

Anwar Jamal Ashraf२१ फ़रवरी २०१२

इस बार सब कुछ आजमाया गया. रोटेशन पॉलिसी ताक पर रख दी गई. एक स्पिनर को जोड़ा गया. श्रीलंका की औसत टीम के सामने सचिन और सहवाग ने पारी शुरू की. कप्तान जरूर बदला लेकिन नतीजा नहीं. भारत फिर हारा.

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तस्वीर: dapd

तीन देशों के वनडे टूर्नामेंट में श्रीलंका ने भारत को 51 रन की भारी भरकम मात दी और इसके साथ ही चार दिन पहले तक जो टीम सबसे ऊपर थी, अंक तालिका में वह सबसे नीचे आ गिरी. ऑस्ट्रेलिया पहले और श्रीलंका दूसरे नंबर पर रहा.

धोनी की रोटेशन पॉलिसी से खुश नहीं दिखने वालों के लिए मंगलवार का मैच मिसाल बना. इसमें तीनों दिग्गज बल्लेबाज खेले. वीरेंद्र सहवाग कप्तान भी बने और सलामी बल्लेबाज भी. सचिन तेंदुलकर उनके जोड़ीदार और दो मैचों में शानदार बल्लेबाजी करने वाले गौतम गंभीर वन डाउन. लेकिन इन तीनों ने वापस जाने में ज्यादा वक्त नहीं लगाया. 54 रन बनते बनते, वीरू, सचिन और गॉटी तीनों पैविलियन में थे. रोटेशन पॉलिसी तोड़ने की नीति नाकाम हो चुकी थी.

बदतर शुरुआत

290 रन का पीछा करने उतरी टीम इंडिया में सबसे खराब कप्तान वीरू खेले. पारी की पहली गेंद पर चूकने के बाद उन्होंने दूसरी गेंद पर भी पता नहीं कौन सा शॉट खेलना चाहा कि सीधे कुलशेखरा को कैच थमा बैठे. मैच के बाद वीरू ने माना कि टीम ने गलती की, "हमने आखिरी 10 ओवर में अच्छी गेंदबाजी नहीं की और बाद में बल्लेबाजी अच्छी नहीं की. जिस तरह से गौतम और सचिन खेल रहे थे, हमें लगा कि हमें अच्छी शुरुआत मिलेगी, लेकिन तीन विकेट जल्दी गिर गए. हमने इस मैच में धोनी को मिस किया. अगर हम पूरी ताकत के साथ खेलते तो नतीजा कुछ और हो सकता था."

Mahendra Singh Dhoni
तस्वीर: AP

कहा जा रहा है कि धोनी और वीरू में शीतयुद्ध चल रहा है. धोनी सीरीज में फॉर्म में हैं और वीरू का पूरी ताकत के साथ खेलने वाला बयान उस तरफ भी इशारा कर सकता है कि रोटेशन पॉलिसी पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए.

श्रीलंका की सूझ बूझ

जिस मैच में भारत के दिग्गज फेल हुए, उसी में श्रीलंका के टॉप बल्लेबाजों ने पारी को संभाल कर बढ़ाया. कप्तान महेला जयवर्धने ने 45 और दिलशान ने 51 रन की पारी खेलते हुए पहले विकेट के लिए 95 रन बनाए और बाद के बल्लेबाजों के लिए ज्यादा मुश्किल नहीं खड़ी की. मजबूत शुरुआत का ही नतीजा था कि श्रीलंका ने आखिरी 10 ओवर में लगभग 90 रन बनाए.

मैच के बाद खुश दिख रहे श्रीलंकाई कप्तान ने कहा, "हम बेहतर होते जा रहे हैं. हम स्मार्ट क्रिकेट खेल रहे हैं. हमने विकेट बचाए और तेजी से स्कोर किया. हम अभी भी गलतियां कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि बड़े मैचों में उसे नहीं दोहराएंगे."

बाद में बल्लेबाजी करने का दबाव और 290 के विशाल स्कोर तक पहुंचने के लिए भारतीय बल्लाबाजों को अनुभव की भी जरूरत थी, जो तीन बल्लेबाजों के आउट होने के बाद खत्म हो गई. कुछ कैच छूटने की मदद से विराट कोहली और सुरेश रैना ने चौथे विकेट के लिए अच्छी साझीदारी तो की लेकिन निर्णायक मोड़ तक नहीं पहुंचा पाए. इरफान पठान ने बल्ले से कुछ गोले तो दागे और 47 रन की बड़ी अच्छी पारी खेली लेकिन इतना काफी नहीं था. सामने से विकेट गिरते रहे और पूरी पारी सिर्फ 45.1 ओवर में आउट हो गई. पठान के चौकों ने रन गति तो बनाए रखी लेकिन फिर भी भारतीय टीम श्रीलंका के 289 रन के स्कोर से 51 रन पीछे रह गई.

ऊपर से नीचे

चार दिन पहले तक भारत अंक तालिका में सबसे ऊपर था. लेकिन लगातार दो हार के बाद वह आखिरी पायदान पर चला गया है. ऑस्ट्रेलिया 14 अंकों के साथ पहले नंबर पर है, श्रीलंका 11 प्वाइंट के साथ दूसरे और भारत 10 अंकों के साथ तीसरे पर. ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच शुक्रवार को अगला मैच होना है, जिसके बाद भारत को रविवार को ऑस्ट्रेलिया से खेलना है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः महेश झा