वियना गुरुद्वारा कांड में छह को सजा
२८ सितम्बर २०१०ऑस्ट्रिया की सरकारी समाचार एजेंसी एपीए ने बताया है कि घटना के मुख्य संदिग्ध को अदालत ने उम्र कैद की सजा दी है जबकि चार अन्य लोगों को 17 से 18 साल की सजा सुनाई गई है. एक और व्यक्ति को छह महीने की सजा दी गई है. उम्र कैद पाने वाले 35 वर्षीय जसपाल सिंह के वकील का कहना है कि वे सजा के खिलाफ अपील करेंगे.
यह घटना पिछले साल 24 मई है. 57 वर्षीय संत रामानंद और उनके साथी 68 वर्षीय संत निरंजन दास भारत से विएना आए हुए थे. जब वह गुरुद्वारे में उपदेश दे रहे तो कुछ लोगों ने आकर गोलीबारी शुरू कर दी. रामानंद और दास को पेट और कूल्हे में गोलियां लगी. इस घटना में 16 अन्य लोग भी घायल हुए. कई दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद रामानंद ने दम तोड़ दिया. इस घटना के बाद उत्तर भारत के कई शहरों में दंगे भी हुए.
मंगलवार को फैसले से पहले मुख्य आरोपी जसपाल सिंह ने अदालत को बताया कि उसे हमले वाले दिन का कुछ भी याद नहीं है. हमले के बाद उसके सिर में गंभीर चोट आई.
इस बीच वियना के जिस गुरुद्वारे में यह घटना हुई, उसका कहना है कि उसे फिर ऐसे ही हमलों की धमकियां मिल रही हैं. 2005 में बनाया गया डेरा सच खंड का यह गुरुद्वारा जाति व्यवस्था का विरोध करता है जो अब भी सिखों के बीच चलन में है. लेकिन अन्य सिख डेरा सच खंड पर सिख परंपराओं का सही तरीके से पालन न करने का आरोप लगाते हैं. यह डेरा धार्मिक नेताओं और गुरु ग्रंथ साहब को बराबर मानता है और इसके मानने वालों में ज्यादातर दलित समुदाय के लोग हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः आभा एम