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विद्रोहियों को हथियार देना गलत नहीं: फ्रांस

१ जुलाई २०११

फ्रांस ने लीबियाई विद्रोहियों को हथियार मुहैया कराए. फ्रांस ने पहली बार स्वीकार किया है कि उसके अधिकारियों ने विद्रोहियों को हथियार दिए हैं. पेरिस का कहना है कि उसने हथियार देकर अंतरराष्ट्रीय कायदे नहीं तोड़े हैं.

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तस्वीर: AP

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने लीबिया को हथियार देने पर रोक लगाई है. इसके बावजूद फ्रांस ने लीबियाई विद्रोहियों को हथियार दिए. आरोप लग रहे है कि फ्रांस का यह कदम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव की अवहेलना करता है.

इसके जबाव में संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के दूत गेरार्ड अराउड ने कहा, "मैं यह कह सकता हूं कि हथियारों की डिलीवरी प्रस्ताव 1973 के अनु्च्छेद 4 के तहत आती है. इसके मुताबिक हमले की खतरे के मद्देनजर आम नागरिकों और रिहायशी इलाकों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकते है."

Jubel Internationale Strafgerichtshof Gaddafi Libyen
तस्वीर: dapd

फ्रांसीसी दूत ने कहा कि हथियारों देने पर पांबदी के प्रस्ताव के वाबजूद अनुच्छेद 4 के तहत ऐसा किया जा सकता है. लेकिन कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षा परिषद की सहमति के बिना किसी भी तरह से प्रतिबंधित इलाके में हथियार मुहैया कराना प्रस्ताव का उल्लंघन है.

मंगलवार को फ्रांस ने पहली बार स्वीकार किया है कि उसने लीबिया के दजेबेल नफुसा प्रांत में विद्रोहियों को हथियार दिए. फ्रांसीसी सेना के प्रवक्ता ने इस खबर की पुष्टि की कि उनके विमानों ने मानवीय मदद पहुंचाने के दौरान उसने विद्रोहियों को हथियार मुहैया कराए. हथियारों में रॉकेट लॉन्चर और असॉल्ट राइफलें थीं.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इसी साल फरवरी लीबिया के खिलाफ प्रस्ताव 1970 पास किया था. मार्च में भी प्रस्ताव 1973 पास किया गया. इन प्रस्तावों के तहत गद्दाफी सरकार के खिलाफ कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए. आम नागरिकों की रक्षा के मकसद से लीबिया को हथियार देने पर भी रोक लगाई गई.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़

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