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वापस नहीं होंगी तेल की बढ़ी कीमतें: प्रणब

२२ मई २०११

भारतीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल और अन्य वस्तुओं की कीमतों का दबाव बहुत ज्यादा है और यह आगे भी बना रहेगा, इसलिए तेल की बढ़ी कीमतों को वापस नहीं लिया जा सकता.

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A gas station employee writes a notice displaying shortage of petrol, caused by a truckers strike, in Hyderabad, India, Wednesday, Jan 7, 2009. (AP Photo/Mahesh Kumar A.)
तस्वीर: AP

मुखर्जी ने माना कि महंगाई का असर मीडियम टर्म में आर्थिक विकास की रफ्तार पर पड़ सकता है, इसलिए सरकार को वित्त वर्ष के लिए वृद्धि का अंदाजा लगाने से पहले अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर नजर रखनी होगी. 2011-12 के बजट में वित्त मंत्री ने 9 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान जाहिर किया है.

Finance Minister Pranab Mukherjee addressingt a conference on ‘International Cooperation in Times Of Global Crisis: Views from G-20 Countries’ in New Delhi on Friday. Der indische Finanzminister Pranab Mukherjee bei einer Pressekonferenz in Delhi am 17.9.2010 Finanzminister, Pranab Mukherjee
तस्वीर: UNI

गुंजाइश ही नहीं

मुखर्जी ने कहा कि पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी वापस लेने की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि सरकार पर पहले ही तेल सब्सिडी का बोझ है. सरकार डीजल पर 16 और केरोसीन पर 26 रुपये प्रति लीटर और एलपीजी के 14 किलोग्राम के सिलेंडर पर 320 रुपये की सब्सिडी देती है.

मुखर्जी ने कहा, "आज तक मैं सब्सिडी दे रहा हूं, इसलिए कीमतें वापस लेने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता. पिछले साल लगभग एक लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई. इस साल पता नहीं कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें क्या रहेंगी."

महंगाई पर वादा नहीं

तेल कंपनियों ने बीते शनिवार पेट्रोल कीमतों में पांच रुपये की बढ़ोतरी की थी. यह अब तक एक साथ सबसे बड़ी बढ़ोतरी है. इसका असर महंगाई पर होना लाजमी है. हालांकि अप्रैल में मुद्रास्फीति पिछले महीने के 8.98 के स्तर से घटकर 8.66 फीसदी पर आ गई. लेकिन यह स्तर भी सामान्य से बहुत ऊंचा है.

भारत सरकार मान रही है कि महंगाई का दबाव आगे भी बना रहेगा. प्रणब मुखर्जी ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमतें अनिश्चित बनी हुई हैं. ऐसा खासतौर पर उन चीजों के साथ हो रहा है जो हमें आयात करनी पड़ती हैं. तो लाजमी है कि इसका असर होगा." उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति की दिशा या दबाव का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ईशा भाटिया

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