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लीबियाई विद्रोहियों से नजदीकी बढ़ाता चीन

२० जून २०११

लीबिया में मुअम्मर गद्दाफी को सत्ता से बाहर करने के लिए संघर्ष कर रहे विद्रोही गुट के नेता महमूद जिबरील मंगलवार से चीन का दौरा करेंगे. इससे साफ है कि चीन लीबियाई विद्रोहियों के साथ नजदीकी बढ़ा रहा है.

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A Libyan rebel looks through binoculars at the front line of Dafniya, west of Misrata, Libya, Saturday, June 18, 2011. (Foto:AP/dapd)
तस्वीर: AP

चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि लीबियाई विद्रोहियों की नेशनल ट्रांजिशनल काउंसिल के अध्यक्ष महमूद जिबरील मंगलवार से चीन के दो दिन के दौरे पर पहुंचेंगे. अब तक चीन ने लीबिया में गद्दाफी और उनके विरोधियों में से किसी एक का पक्ष नहीं लिया है. चीन का कहना है कि गद्दाफी की सरकार और विद्रोहियों के प्रतिनिधियों से उसकी हालिया मुलाकातों का मकसद युद्धविराम की कोशिशों को बढ़ावा देना है ताकि युद्ध को खत्म किया जा सके.

लेकिन विद्रोहियों के नेता को दो दिन के दौरे पर बुला कर चीन ने साफ संकेत दिया है कि उसकी नीति में कहीं ना कहीं बदलाव आ रहा है. वैसे चीन कभी गद्दाफी का नजदीकी सहयोगी नहीं रहा है और वह दूसरे देशों के अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी से भी परेहज करता है. इसी महीने लीबिया के विदेश मंत्री अब्देलाती ओबेदी चीन के दौरे पर गए और चीन ने कहा कि उसके दरवाजे विद्रोहियों की नेशनल ट्रांजिशनल काउंसिल के भी खुले हैं.

लीबियाई विद्रोहियों और गद्दाफी समर्थक सेनाओं के बीच पश्चिमी शहर जिल्तान में शुक्रवार को भारी लडा़ई हुई. विद्रोही राजधानी त्रिपोली की तरफ बढ़ रहे हैं. विद्रोहियों का साथ दे रहा नाटो भी महीनों से त्रिपोली में बमबारी कर रहा है, जिसका मकसद उसके मुताबिक गद्दाफी के 41 साल से जारी शासन का विरोध कर रहे आम लोगों की रक्षा करना है.

epa02785250 Libyans carry out a body from a house that was damaged by coalition air strikes, according to the Libyan government, in Tripoli, Libya, on 19 June 2011. EDITORS NOTE: PICTURE TAKEN ON A GUIDED GOVERNMENT TOUR EPA/MOHAMED MESSARA +++(c) dpa - Bildfunk+++
तस्वीर: picture-alliance/dpa

पिछले साल चीन ने अपनी जरूरत का आधा कच्चा तेल मध्यपू्र्व और उत्तर अफ्रीकी देशों से मंगाया, जबकि इस इलाके में चीनी कंपनियों की भारी मौजूदगी है. चीन सरकार ने इसी साल अपने हजारों लोगों को लाने के लिए नौसैनिक जहाजों और विमानों को भेजा. चीन ने मार्च में लीबिया में कार्रवाई के लिए पेश प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया जबकि चीन स्थायी सदस्य होने के नाते अपने वीटो अधिकार इस्तेमाल कर सकता था. लेकिन चीन ने नाटो की कार्रवाई के दायरे में विस्तार का विरोध किया और वह युद्धविराम की अपील करता रहा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम

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