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लड़खड़ाते ग्रीस की मदद के लिए वित्त मंत्रियों की बैठक

१९ जून २०११

दीवालिया होने से बचने के लिए ग्रीस को मदद चाहिए. जिस धन का वादा किया गया है, वह काफी नहीं है. उसे अतिरिक्त रूप से 120 अरब यूरो की जरूरत है. इस पर विचार के लिए रविवार को यूरो देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक हो रही है.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

लक्जमबर्ग में यूरो देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में ग्रीस के लिए 120 अरब यूरो के एक अतिरिक्त वित्तीय पैकेज पर विचार किया जाएगा. इसके अलावा योजना के मुताबिक जुलाई के मध्य तक उसे 12 अरब यूरो की एक किस्त दी जानी है. यह धन अगर न मिले, तो ग्रीस दीवालिया होने जाएगा. आज इस बैठक में ग्रीस के नए वित्त मंत्री एवांगेलोस वेनिजेलोस पहली बार भाग लेंगे.

यूरोपीय आयोग की ओर से ग्रीस के लिए 12 अरब यूरो के कर्ज की किस्त की अदायगी का पक्ष लिया गया है. शुरू में कहा गया था कि बचत के नए कदम उठाने पर ही यह खेप दी जाएगी. लेकिन ग्रीस में हो रहे विशाल प्रदर्शनों और प्रधानमंत्री गिओर्गोस पापांद्रेउ की अपनी समाजवादी पासोक पार्टी मे विरोध के चलते इस वक्त ऐसे कदम संभव नहीं हैं. शनिवार को भी एथेंस में देश के कम्युनिस्ट ट्रेड यूनियन संगठनों की ओर से प्रदर्शनों का आयोजन किया गया था. कम्युनिस्ट पार्टी व ट्रेड यूनियनों ने देश की भ्रष्ट प्रणाली को खत्म करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में हड़ताल का आह्वान किया है.

Bundeskanzlerin und CDU-Vorsitzende Angela Merkel CDU-Generalsekretaer Hermann Groehe bei der CDU-Kreisvorsitzendenkonferenz in Berlin NO FLASH
ग्रीस की मदद करना जरूरी: मैर्केलतस्वीर: dapd

इस बीच जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल व फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने मदद पैकेज में निजी वित्तीय संस्थानों की स्वेच्छा से भागीदारी के लिए आवाज उठाई है. इससे पहले जर्मनी मांग कर रहा था कि मदद की प्रक्रिया में बैंकों और बीमा कंपनियों को शामिल किया जाए. लक्जमबर्ग के प्रधानमंत्री ज्यां क्लोद युंकर ने निजी बैंकों व अन्य प्रतिष्ठानों की भागीदारी के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा है कि कर्ज का यह वाइरस वित्तीय रूप से कमजोर अन्य देशों में भी फैल सकता है.

बैठक में वित्त मंत्रियों का काम काफी जटिल है. धन की कमी है, समय की भी. और उन्हें तुरंत फैसले लेने हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: ओ सिंह