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समाज

रोमांच पैदा करने वाली महिला स्टंट कलाकार आज कोरोना से परेशान

अपूर्वा अग्रवाल
२४ जुलाई २०२०

कोरोना महिलाओं की कामकाजी जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है. कुछ यही हाल बॉलीवुड की महिला स्टंट आर्टिस्टों का भी है. काम ना होने के चलते इनके लिए घर के कामों के बीच फिटनेस बनाए रखना बेहद ही मुश्किल हो गया है.

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Indien Coronavirus Bollywood Stuntfrau Sanober Pardiwala
तस्वीर: Privat

फिल्मी पर्दे पर जब अभिनेता मारधाड़ और एक्शन करते नजर आते हैं तो दर्शकों के रोमांच की सीमा नहीं होती. वहीं जब दुबली-पतली अभिनेत्रियां एक्शन स्टंट करती दिखती है, विलेन को पटखनी देती हैं, आग से खेलती हैं, ऊंची मंजिलों से छलांग लगाती हैं तो थियेटर में तालियां बज उठती हैं. लेकिन इन तालियों पर असल में उन महिला स्टंट आर्टिस्टों का हक बनता है जो पर्दे के पीछे इन खतरनाक कारनामों को बेखौफ अंजाम देती हैं.

बी-टाउन की ऐसी ही एक मशहूर स्टंट आर्टिस्ट हैं गीता टंडन. गीता अब तक ऐश्वर्या राय, करीना कपूर, आलिया भट्ट, कैटरीना कैफ समेत कई बड़ी अभिनेत्रियों के लिए स्टंट कर चुकी हैं. 36 साल की गीता टंडन दो बच्चों की सिंगल पैरेंट हैं और फुल टाइम बतौर स्टंट आर्टिस्ट काम करती हैं.

कमाई की चिंता

कोविड-19 के इस मुश्किल दौर में अपने हिम्मत का जौहर दिखाने वाली ये महिला स्टंट आर्टिस्ट अब अच्छे वक्त के इंतजार में हैं. गीता ने डीडब्ल्यू से बातचीत में बताया कि साल 2020 की शुरुआत से ही उनके पास कई सारे बड़े बजट के प्रोजेक्ट थे. कुछ वेब सीरीज, आलिया भट्ट की आने वाली फिल्म गंगूबाई सहित कई हिंदी और इंग्लिश फिल्मों में स्टंट का बड़ा काम था लेकिन कोरोना ने सब रोक दिया है. काम जब तक शुरू नहीं होगा तब तक कोई पैसा नहीं है.

कोरोना काल ने उन लोगों के लिए समस्याएं और बढ़ा दी हैं जो मुंबई से नहीं हैं, जिनके पास यहां अपने घर नहीं है. गीता कहती हैं, "कमाई इतनी भी नहीं बची कि लोग घरों का किराया दे सकें. जो लोग नए फाइटर बने थे उनके सामने खाने-पीने की दिक्कत हो गई तो वो मुंबई से लौट गए.” हालांकि स्टंट आर्टिस्ट एसोसिएशन मदद के लिए सामने आई है.

Indien Coronavirus Bollywood Stuntfrau Sanober Pardiwala
फिट रहना चुनौती है सनोबर पार्दीवाला के लिएतस्वीर: Privat

धूम 2, जब तक है जान, टशन, जैसी कई बड़ी फिल्मों का हिस्सा रह चुकी सनोबर पारदीवाला की गिनती भी बी-टाउन की सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाली महिला स्टंट आर्टिस्टों में होती है. सनोबर कई सेलिब्रिटीज की फिटनेस ट्रेनर हैं और स्टंट भी शानदार करती हैं. सनोबर बताती हैं, "मैं एक फिटनेस ट्रेनर भी हूं इसलिए कह सकती हूं कि मुझे गुजारा करने में दिक्कत नहीं हो रही है, लेकिन जो लोग सिर्फ यही काम करते हैं उनके लिए समस्या बहुत बड़ी है. जब तक मूवी नहीं, स्टंट नहीं, तो पैसा तो आएगा ही नहीं.”

फिटनेस पर असर

स्टंट आर्टिस्टों के लिए अपनी फिटनेस बनाए रखना हमेशा ही एक बहुत बड़ी चुनौती होता है. कोविड-19 में महिला स्टंट आर्टिस्टों की फिटनेस पर भी असर पड़ रहा है. सनोबर मानती हैं कि पुरुषों की तुलना में औरतों का स्टंट करना काफी मुश्किल भरा होता है. इसका एक कारण है कि पर्दे पर दिखने वाली अभिनेत्रियां बेहद ही दुबली-पतली होती है. ऐसे में महिला आर्टिस्टों को अपनी फिटनेस कुछ ऐसी रखनी पड़ती है कि वो शूट करते वक्त अभिनेत्रियों जैसी दिख सके और भारी स्टंट भी कर लें. एक फिटनेस ट्रेनर होने के नाते सनोबर यह भी कहती हैं कि महिलाओं को वजन घटाने में कहीं अधिक मशक्कत करनी पड़ती है.

हालांकि गीता जैसे स्टंट आर्टिस्ट मौजूदा वक्त को इस लिहाज से तो अच्छा मान रहे हैं कि उन्हें अपने कौशल और टेक्नीक पर काम करने का काफी वक्त मिल रहा है. लेकिन दूसरी सच्चाई यह भी है स्टंट की प्रैक्टिस घरों में बैठकर, घर के रोजमर्रा के कामों के बीच नहीं हो सकती. ऐसे में पिछले चार महीने का लॉकडाउन और अब बारिश ने पेशेवर काम के साथ-साथ फिटनेस से जुड़ी चिंताएं भी बढ़ा दी हैं.

Indien Coronavirus Bollywood Stuntfrau Geeta Tandon
मुश्किल है स्टंट आर्टिस्टों का कामतस्वीर: Privat

महिलाओं की स्थिति

मूवी स्टंट आर्टिस्ट एसोसिएशन की वेबसाइट से पता चलता है कि पुरुषों के मुकाबले बॉलीवुड में महिला स्टंट आर्टिस्ट बेहद कम हैं. एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी एजाज गुलाब ने एक न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में बताया था कि एसोसिएशन में कुल मिलाकर 581 स्टंट आर्टिस्ट है. इनमें से महज 12 महिलाएं हैं.

एसोसिएशन की पहली महिला सदस्य और शोले गर्ल, नाम से मशहूर 66 साल की रेशमा पठान इंडस्ट्री की वरिष्ठ महिला स्टंट आर्टिस्ट हैं. शोले, फूल खिले हैं गुलशन गुलशन जैसी कई नामचीन फिल्मों में काम कर चुकी रेशमा कहती हैं कि कोई भी महिला शौक से इस लाइन में नहीं आती. चोट और जान का जोखिम महिलाओं के लिए बहुत अधिक है. सबके साथ कोई ना कोई मजबूरी होती है. उन्होंने कहा, "जब मैं आई थी तब मेरे सामने अपने परिवार के लिए कुछ करने की मजबूरी थी. पहले कम औरतें थीं तो काम भी ज्यादा मिलता था.” 

कई महिला स्टंट आर्टिस्ट यह भी कहती हैं कि हर काम की तरह महिलाओं के लिए इस काम में भी संघर्ष है. फर्क इतना है कि यहां बार-बार यह साबित करना पड़ता है कि आप फिजिकली ये काम कर सकती हैं. हालांकि मेहनताने के मामले में कोई अंतर नहीं है, लेकिन काम पुरुषों की तुलना में महिला आर्टिस्टों के लिए कम ही होता है. अकसर बड़े बजट की फिल्मों में ही स्टंट आर्टिस्टों के लिए अच्छा काम निकल कर आता है.

Indien Coronavirus Bollywood Stuntfrau Geeta Tandon
ऐसे रखती हैं गीता टंडन खुद को फिटतस्वीर: Privat

दूसरे करियर विकल्प का सुझाव 

लेकिन अब कोविड-19 के चलते पैदा हुई स्थिति ने महिला आर्टिस्टों के सामने जरूर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्हें डर है कि अगर फिल्मों का बजट कम हुआ तो असर उनके काम पर भी पड़ेगा. लेकिन गीता जैसी कुछ आर्टिस्ट अब भी कहते हैं, "100 साल पहले भी महामारी आई थी, लेकिन सब कुछ ठीक हुआ ना. वैसे ही आगे भी सब ठीक होगा. बस थोड़ा इंतजार है.”

चोट भी स्टंट आर्टिस्ट की जिंदगी का एक अहम हिस्सा होती है. ऐसे में अनुभवी स्टंट आर्टिस्ट की राय में हर किसी को इसके साथ एक दूसरा करियर विकल्प भी रखना चाहिए. हालांकि सुरक्षा के लिहाज से अब वक्त काफी बेहतर हुआ है, लेकिन इस काम में हमेशा ही जोखिम बना रहता है. रेशमा पठान कहती हैं कि इस इंडस्ट्री में सबको सफलता की सीढ़ी ही चढ़नी है. किसी के लिए लिफ्ट का रास्ता नहीं है. इसलिए नए फाइटर और खासकर लड़कियों को काम का एक दूसरा विकल्प हमेशा अपने साथ रखना चाहिए. 

आपको नहीं पता कि किस स्टंट में आप घायल हो जाएं और फिर स्टंट करने में मुश्किलें हो जाएं. सनोबर नए स्टंट आर्टिस्ट को सुझाव देते हुए कहती हैं, "मैं सभी से यही कहूंगी कि अगर आप स्टंट में किस्मत आजमाना चाहते हैं तो अपने साथ एक करियर विकल्प और रखें क्योंकि इसमें किसी को भी रोज काम नहीं मिल सकता.”

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