रूसी विमान को गिराना हो सकता है गेम चेंजर
२४ नवम्बर २०१५रूसी विमान को तुर्की के एफ-16 विमान ने मार गिराया और वह सीरिया की सीमा में तुर्की से 4 किलोमीटर दूर गिरा. पुतिन ने टेलिविजन प्रतिक्रिया में कहा आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में यह आतंकवाद के समर्थकों का पीछे से किया गया हमला था. रूसी विमान तुर्की के लिए कोई खतरा पैदा नहीं कर रहा था, लेकिन आइजेनहॉवर रिसर्च फेलो डा. चान कासापोग्लू का कहना है कि इस घटना की उम्मीद की जा सकती थी.
डीडब्ल्यू: रूसी सैनिक विमान को तुर्की के सैनिकों ने गिरा दिया है. क्या इस तरह की घटना की उम्मीद थी?
कासापोग्लू: तुर्की ने साफ कर दिया था कि वह सीमा के हनन के मामले में अपने नियमों को नहीं बदलेगा. एक महीने पहले तुर्की ने एक मानवरहित ड्रोन को गिरा दिया था. तुर्की के अधिकारियों ने रूस को उसकी सीमा का उल्लंघन न करने की चेतावनी दी थी. तुर्की ने साफ कर दिया है कि उसके सैनिक नियमों को न परखा जाए, न तो रूसियों द्वारा और न ही सीरिया द्वारा.
यह सोचने की क्या वजह है कि इलाके में रूसी विमान उड़ रहा था?
सुखोई 24 नीचे उड़ने वाले टैक्टिकल बमवर्षक हैं. उनका इस्तेमाल भारी बमबारी के लिए किया जाता है. वे तुर्कमेन लड़ाकों पर बमबारी कर रहे थे जो तुर्की के समर्थन से सीरिया सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं. हम कोई 5000 से 9000 लड़ाकों की बात कर रहे हैं. उनपर रूस और ईरान की मदद से सीरियाई सेना भारी हमले कर रही थी. तुर्की इससे नाराज था.
रूसियों का दावा है कि उनका विमान सीरिया की सीमा में था. आपकी जानकारी में उसे कहां गिराया गया, तुर्की में या सीरिया में?
तुर्की का नियम यह है, यदि विदेशी विमान तुर्की की सीमा के 20 किलोमीटर के अंदर आते हैं तो तुर्की उन्हें चेतावनी देना शुरू करता है. यदि वे आठ किलोमीटर के अंदर आते हैं तो तुर्की उन्हें पकड़ने के लिए अपना एफ16 बेड़ा तैयार कर देता है और चेतावनी देता रहता है. और यदि कोई विमान सीमा का हनन करता है तो उसे गिरा दिया जाता है.इसके हिसाब से यदि हम रूसी विमानों के पिछले हनन को ध्यान में रखें, तो कहा जा सकता है कि रूसी विमान ने तुर्की की सीमा का उल्लंघन किया.
इसका रूस और तुर्की के संबंधों पर क्या असर होगा?
रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव बुधवार को तुर्की आने वाले हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि वे आते हैं या नहीं. यदि रूस स्थिति को बिगड़ने देना चाहता है तो सीमा का और ज्यादा उल्लंघन होगा. तब हम न सिर्फ रूस और तुर्की के बीच बल्कि रूस और नाटो के बीच संबंधों का बिगड़ना देखेंगे. क्योंकि यह सिर्फ तुर्की की सीमा का उल्लंघन नहीं है यह नाटो की सीमा का भी उल्लंघन है.
यह पहला मौका है जब नाटो के किसी देश ने रूसी सेना के विमान को मार गिराया हो. इसका रूस और नाटो के रिश्तों के लिए क्या अर्थ है?
इस बिगाड़ में अब नाटो के बाल्टिक सदस्य नहीं जुड़े हैं बल्कि सैनिक सहबंध का एक ताकतवर सदस्य तुर्की है. अंकारा के रिश्ते रूस के साथ अच्छे रहे हैं. राष्ट्रपति एरदोवान ने कहा है कि यदि रूस इस तरह करता रहता है तो वह एक दोस्त खो देगा. ताजा घटना इन संबंधों को बदलने वाली साबित हो सकती है.
पेरिस पर हमलों के बाद रूस आईएस के खिलाफ अंरराष्ट्रीय महागठबंधन बनाने पर जोर दे रहा था. इस घटना का उस योजना पर क्या असर होगा?
यदि रूस आईएस विरोधी मोर्चे का हिस्सा होना चाहता है तो उन्हें सीरिया की लड़ाई में दूसरे लक्ष्य चुनने होंगे. रूसी हमलों का लक्ष्य शुरू से ही आईएस न होकर नरमपंथी सीरियाई विपक्ष रहा है. दूसरे नाटो की हवाई सीमा के उल्लंघन के बदले उसे आईएस विरोघी मोर्चे के दूसरे देशों के साथ सहयोग करना चाहिए.
आपको क्या लगता है कि तुर्की अब नाटो की मदद मांगेगा?
संभवतः. मध्य पूर्व के हर संकट में हमने देखा है कि तुर्की ने नाटो से अपील की है. हम सुन रहे हैं कि तुर्की के प्रधानमंत्री कार्यालय ने तुर्की की स्थिति स्पष्ट करने के लिए कूटनीतिक अभियान छेड़ा है. मैं समझौते की धारा 5 की शुरुआत नहीं देख रहा हूं लेकिन धारा 4 मेज पर है. जिसका मतलब है सुरक्षा और प्रतिरक्षा के मुद्दे पर बातचीत की शुरुआत.
इंटरव्यू: रोमान गोंचारेंको
डॉ. चान कासापोग्लू इस्तांबुल में ईडीएएम सेंटर फॉर इकॉनॉमिक्स एंड फॉरेन पॉलिसी में आइजेनहॉवर रिसर्च फेलो हैं.
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