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रूसी मदद से बांग्लादेश में लगेंगे परमाणु प्लांट

२ नवम्बर २०११

बांग्लादेश ने 2018 तक अपने यहां दो परमाणु बिजली संयंत्र लगाने का फैसला किया है. रूस की मदद से बांग्लादेश में इस तरह के पहले प्लांट लगाए जाएंगे.

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तस्वीर: picture-alliance/Bildarchiv

बांग्लादेश के परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुख शौकत अकबर ने कहा, "रूस संयंत्र के निर्माण में आर्थिक मदद देगा, उन्हें चलाने के लिए ऊर्जा आपूर्ति करेगा, प्रदूषित ऊर्जा को वापस लेगा और कर्मचारियों को ट्रेनिंग देगा". दोनों संयंत्र प्रतिदिन 1000 मैगावट बिजली पैदा कर पाएंगे. अनुमान है कि ऐसा एक संयंत्र लगाने का खर्च दो अरब यूरो यानी करीब 130 अरब रुपये होगा.

बुधवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में रूस की परमाणु ऊर्जा आपूर्ति कंपनी रोसाटम के अध्यक्ष सेरगेई किरीएंको और बांग्लादेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री यफेश ओसमान ने संधि पर हस्ताक्षर किए. रोसाटम ने ईरान के बुशेर शहर में पहला परमाणु संयंत्र लगाने में भी मदद की थी. संधि के अनुसार बांग्लादेश के उत्तर पश्चिमी शहर रूपुर में दोनों संयंत्र लगाने के पहले सुरक्षा पर अध्ययन किए जाएंगे. बांग्लादेश अतीत में अकसर बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओँ का शिकार रहा है.

NO FLASH Neues Atomkraftwerk Buschehr im Iran
ईरान में बुशेर का परमाणु प्लांट भी रोसाटम की मदद से तैयार किया गयातस्वीर: picture alliance / dpa

बिजली की बढ़ती मांग

बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में 2004 से प्रति वर्ष करीब छह प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है. पिछले सालों में देश की बढ़ती हुई आबादी और राजनीतिक स्थिरता की वजह से फैलते उद्योगों के लिए ऊर्जा की मांग बढी है. इस वक्त बांग्लादेश को हर दिन अपनी 15 करोड़ की आबादी के लिए 2000 मैगावट बिजली की जरूरत है, लेकिन वह सिर्फ करीब 40 प्रतिशत को ही बिजली मुहैया करा पाता है. इसीलिए हर दिन कई घंटों तक बिजली काटी जाती है.

ऐसे में, बांग्लादेश को 2007 में ही अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) से परमाणु पावर प्लांट लगाने की इजाजत मिल गई थी. विशेषज्ञों का मानना है कि दस साल के अंदर बांग्लादेश में प्राकृतिक गैस जैसे प्राकृतिक संसाधन खत्म हो जाएंगे. देश में कोयले के भी भंडार हैं. लेकिन जापान में फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में हुए हादसे के बाद कई पश्चिमी देश परमाणु ऊर्जा के खतरे को देखते हुए दोबारा इस्तेमाल की जा सकने वाले ऊर्जा स्रोतों को तलाशा रहे है.

वैसे बहुत से एशियाई और अफ्रीकी देशों में परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाए जा रहे है. भारत में इस वक्त 20 परमाणु संयंत्र है और बढती हुई मांग को देखते हुए पांच और नए संयंत्र बनाए जा रहे हैं. फिलहाल भारत में परमाणु बिजली ऊर्जा का चौथा सबसे बड़ा स्रोत है. दुनियाभर में 400 से भी ज्यादा परमाणु संयंत्र हैं.

रिपोर्ट: एफपी/एपी/प्रिया एसेलबॉर्न

संपादन: अशोक कुमार

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