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रूसी पत्रकार की हत्या के मामले में 4 लोग बरी

२० फ़रवरी २००९

मॉस्को की एक अदालत ने रूसी पत्रकार अना पोलितकोवस्काया की हत्या का आरोप झेल रहे सभी चार लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है. रूसी सरकार की तीखी आलोचक मानी जाने वाली पोलितकोवस्काया की 2006 में हत्या कर दी गई थी.

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अक्टूबर 2006 में हुई हत्यातस्वीर: picture-alliance / dpa

इस हत्याकांड को लेकर रूस पर विश्व समुदाय का ख़ासा दबाव था लेकिन ताज़ा अदालती फ़ैसले से लगता है कि मामला और पेचीदा होगा. पश्चिमी जगत रूस पर मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन के आरोप लगाता रहा है. इस सम्बन्ध में रूसी पत्रकार अना पोलितकोवस्काया की हत्या का भी ज़िक्र होता है जो रूसी सत्ता प्रतिष्ठान और ख़ासकर पूर्व राष्ट्रपति और मौजूदा प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन की कटु आलोचक मानी जाती थी.

Prozess im Mordfall von Anna Stepanowna Politkowskaja
हत्या में मदद का आरोप झेल रहे लोग सबूतों के अभाव में बरीतस्वीर: picture-alliance/ dpa

उन्होंने चेचन्या में रूसी सैनिकों द्वारा मानवाधिकारों के हनन पर विस्तार से लिखा था. लेकिन अक्टूबर 2006 में पोलितकोवस्काया की मॉस्को में उनके घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई. उनका कथित चेचन हत्यारा रुस्तम मखमुदोव तो फ़रार है जिसके ख़िलाफ़ मुक़दमा ही शुरू नहीं हुआ था. लेकिन इस मामले में रूस्तम के दो भाइयों और एक पूर्व पुलिस अधिकारी के ख़िलाफ़ तीन महीने से मुक़दमा चल रहा था लेकिन अब अदालत ने सबूतों के अभाव में उन्हें भी बरी कर दिया है.

आरोप है कि ये लोग हत्यारे को घटनास्थल तक लेकर आए. बरी होने वालों में एक पूर्व रूसी सुरक्षा अधिकारी भी शामिल है, जो हत्या में सीधे तो आरोपी नहीं था लेकिन उस पर मामले से जुड़े कुछ अन्य आरोप थे. अदालती कार्यवाही के दौरान पोलितकोवस्काया का बेटा और बेटी भी मौजूद थे और उन्होंने अदालती फ़ैसले को ख़ामोशी से सुना. सरकारी वकील यूलिया सफ़ीना ने कहा कि अभियोजन पक्ष अदालती जांच की कमियों के बारे में आगे अपीली अदालत में शिकायत दर्ज करेगा.

अंतरराष्ट्रीय प्रेस संस्था ''रिपोर्ट्स विद आउट बॉर्डर्स'' ने कहा है कि अदालती फ़ैसला मामले की अधूरी जांच का नतीजा है. इससे यह पता लगाना ही मुश्किल हैं कि किसके कहने पर यह हत्या हुई और इसका मक़सद क्या था. पोलितकोवस्काया रूसी अख़बार ''नोवाया गज़ेता'' से जुड़ी थी. यह उन चंद मीडिया संस्थानों में से एक है जो क्रेमलिन की आलोचना करने की हिम्मत करते हैं. हालांकि रूसी सरकार पोलितकोवस्काया की हत्या में अपनी किसी भूमिका से इनकार करती है.

एक अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक़ व्लादीमिर पुतिन के राष्ट्रपति रहते पोलितकोवस्काया ऐसी 13वीं पत्रकार थीं जिनकी इस तरह दिन दहाड़े हत्या की गई.