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रूस फिर भड़का अमेरिका पर

२९ दिसम्बर २००९

अमेरिका और रूस के बीच हथियारों की होड़ फिर शुरू होने की आशंका है. सामरिक अस्त्र परिसीमन संधि स्टार्ट1 की जगह किसी नई संधि के बारे में सहमति नहीं बन पाई. रूसी प्रधानमंत्री ब्लादीमिर पुतिन नए हथियारों की बात कर रहे हैं.

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अमेरिका पर कुपित हैं पूतिनतस्वीर: AP

रूसी प्रधानमंत्री व्लादीमिर पुतिन रूस के पूर्वी छोर पर बसे व्लादीवोस्तोक में बोल रहे थे. एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि असली समस्या क्या है. "समस्या क्या है? समस्या यह है," पुतिन ने कहा, "कि हमारे अमेरिकी साथी एक प्रक्षेपास्त्ररोधी कवच बनाने जा रहे हैं और हम कुछ नहीं कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि इस अमेरिकी योजना से शीतयुद्ध वाले दिनों के बाद से चल रहा शक्ति-संतुलन बिल्कुल बदल जायेगा, इसलिए हमें भी अब नये प्रकार के आक्रामक हथियार बनाने पड़ेंगे. "रक्षक और आक्रामक प्रक्षेपास्त्र प्रणालियों का प्रश्न एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है," प्रधानमंत्री पुतिन ने कहा.

स्मरणीय है कि प्रक्षेपास्त्रों की संख्या घटाने वाली 1991 की स्टार्ट संधि की समय सीमा 2009 के साथ बीत जायेगी. गत सितंबर में अमेरिका के नये राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संकेत दिया था कि वर्ष बीतने से पहले ही कोई नयी संधि हो जायेगी. लेकिन, अब तक की वार्ताओं के बाद ऐसा कुछ हो नहीं पाया. राष्ट्रपति ओबामा ने जॉर्ज बुश की पूर्वी यूरोप में अमेरिकी प्रक्षेपास्त्र तैनात करने की योजना को गत सितंबर में रद्द कर दिया, जिस का रूस ने भी स्वागत किया. लेकिन, ओबामा ने यह भी कहा कि अमेरिका अब अन्य जगहों पर एक नयी प्रक्षेपास्त्ररोधी प्रणाली स्थापित करने के लिए काम करेगा.

PK Barack Obama zu Raketenabwehr Flash-Galerie
अड़े हैं ओबामा भीतस्वीर: AP

रूसी प्रधानमंत्री चाहते हैं कि अमेरिका या तो अपनी प्रक्षेपास्त्ररोधक रक्षा प्रणाली त्याग दे या फिर रूस के साथ मिल कर एक साझी रक्षा प्रणाली बनाये. उन्होंने कहा, "अमेरिकी अपनी रक्षा प्रणाली के बारे में सारी जानकारियां हमें दें और हम भी अपने आक्रामक हथियारों के बारे में सारी जानकारियां उन्हें देंगे."

प्रेक्षक कहते हैं कि यदि अमेरिका पीछे नहीं हटता या किसी साझेदारी के लिए तैयार नहीं होता, जैसा कि लग रहा है, तो रूस भी नये परमाणु प्रक्षेपास्त्र बनाने का अधिकार चाहेगा और अमेरिका के साथ चल रही जेनेवा वार्ताओं में इस तरह की रियायतों की मांग करेगा. रूसी सेना स्टार्ट संधि की शर्तों को वैसे भी संतुलित नहीं मानती और लंबी दूरी के नये परमाणु प्रक्षेपास्त्र बनाने के लिए पहले से ही मचल रही है.

रिपोर्ट- एजेंसियां, राम यादव

संपादन- उज्ज्वल भट्टाचार्य