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रूस ने लड़ाई रोकी

१२ अगस्त २००८

रूस ने जॉर्जिया के दक्षिणी ओसेतिया में चल रही लड़ाई रोकने का एलान कर दिया है. राष्ट्रपति मेदवादेव ने कहा है कि सेनाएं अभी वहां डटी रहेंगी और इलाक़े पर नियंत्रण रखेंगी. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस क़दम की तारीफ़ की है.

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लंबी हिंसा के बाद हमले थमेतस्वीर: AP

चार दिनों के भीषण संघर्ष के बाद रूस ने अपनी सेनाओं को जॉर्जिया पर हमले रोक देने के आदेश दिए हैं. रूसी राष्ट्रपति डिमिट्री मेदवादेव ने कहा है कि दक्षिण ओसेतिया में नागरिकों की सुरक्षा निश्चित करने के बाद यह फ़ैसला किया गया है. हालांकि रूस ने जॉर्जिया के नेतृत्व पर एक बार फिर सवाल उठाया है और कहा है कि उससे फ़िलहाल कोई बातचीत नहीं की जाएगी. रूस के राष्ट्रपति ने कहा है कि जॉर्जिया अपने सैनिकों को दक्षिण ओसेतिया से हटा ले और इस बात का भरोसा दे कि वहां दोबारा कब्ज़े की कोशिश नहीं होगी.

Kämpfe in georgischer Konfliktzone Südossetien - Reservisten in Tiflis
आम लोगों की गई जानतस्वीर: picture-alliance/dpa

हमले रोकने के एलान से ठीक पहले रूसी युद्धक विमानों ने जॉर्जिया के गोरी शहर पर हवाई हमला किया. वहां मौजूद चश्मदीदों के मुताबिक़ बम एक अस्पताल पर गिरा और इसमें कई लोग मारे गए. जॉर्जिया का गोरी शहर संघर्ष वाले दक्षिण ओसेतिया की राजधानी स्ख़ानविली से महज़ 10 किलोमीटर दूर है और जॉर्जिया की सेनाओं ने वहां जमावड़ा रखा है.

जॉर्जिया ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि रूस ने अपने हमले रोक दिए हैं. हालांकि उसका कहना है कि हमले रोकने के बाद भी रूस की सेना पीछे नहीं हट रही है.

समाचार एजेंसी एएफ़पी ने रूसी राष्ट्रपति के एक प्रवक्ता के हवाले से जानकारी दी कि राष्ट्रपति मेदवादेव ने यूरोपीय संघ को अपने इस फ़ैसले के बारे में जानकारी दे दी है. संघ के विदेश नीति सलाहकार ख़ावियर सोलाना ने रूस के क़दम की सराहना की है. रूस के राष्ट्रपति ने फ़ोन पर ख़ावियर सोलाना से बात भी की है. इस बीच, यूरोपीय संघ के अध्यक्ष फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी ने भी रूस के हमले रोकने के एलान का स्वागत किया है. 27 देशों का यूरोपीय संघ रूस से लगातार मांग कर रहा था कि जॉर्जिया पर हमले बंद किए जाने चाहिए.

दक्षिण ओसेतिया जॉर्जिया का अलगाववादी इलाक़ा है, जिसे रूस का समर्थन हासिल है. ताज़ा हिंसा उस वक्त भड़की थी, जब शुक्रवार को जॉर्जिया की सेना ने इसकी राजधानी स्ख़ानविली पर दोबारा कब्ज़े की कोशिश की थी. इसके बाद रूस ने अपनी सेनाओं को वहां भेज दिया था और पूरी तैयारी के साथ युद्ध शुरू हो गया था.