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रूस की सेना खेलेगी बैडमिंटन

१४ नवम्बर २०११

रूस के एक अखबार के अनुसार जल्द ही रूस की सेना को बैडमिंटन की ट्रेनिंग दी जाएगी. राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के बैडमिंटन से लगाव के कारण शुरू होगी यह नई ट्रेनिंग.

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तस्वीर: Sola Hülsewig

इजवेशिया अखबार के अनुसार रूस रक्षा मंत्रालय अगले साल दस हजार बैडमिंटन के रैकेट और कई हजार शटल खरीदने जा रहा है. अखबार ने लिखा है कि सबसे पहले ट्रेनिंग स्नाइपर्स की टुकड़ी को दी जाएगी. जिन यूनिट्स में जिम नहीं है वहां केवल गर्मियों में ही बैडमिंटन खेला जा सकेगा.

बैडमिंटन कभी भी रूस में लोकप्रिय नहीं रहा, लेकिन पिछले महीने राष्ट्रपति मेदवेदेव ने इसकी खूब तारीफ की और सबका ध्यान इसकी ओर खींचा. मेदवेदेव को उनके ब्लॉग पर एक वीडियो में प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन के साथ बैडमिंटन खेलते हुए देखा गया. टाईट स्पोर्ट्स शर्ट पहने मेदवेदेव युवायों को खेल की ओर प्रोत्स्साहित करना चाह रहे थे. उन्होंने कहा कि इस खेल से कई तरह की दिक्कतें दूर की जा सकती हैं.

अब एक महीने बाद सेना प्रमुख भी मेदवेदेव की राह पर निकल पड़े हैं. रक्षा मंत्रालय के फिजिकल ट्रेनिंग डिपार्टमेंट के अध्यक्ष एलेक्जेंडर शेप्लेव ने अखबार को बताया, "बैडमिंटन खेलते समय उन्हीं मांसपेशियों का इस्तेमाल होता है जिनका गोले बारूद या अन्य हथियार फेंकने के लिए. इसीलिए यह खेल सभी सैनिकों के लिए बेहद जरूरी है. खास तौर से शूटर्स और स्नाईपर्स के लिए यह बहुत अच्छा है क्योंकि शटल को देखने से आंखों की मांसपेशियों की कसरत होती है, इस से रक्तसंचार बेहतर होता है और आपकी प्रतिक्रिया तेज हो जाती है.

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने अखबार की इस रिपोर्ट से इंकार नहीं किया है. पर साथ ही कहा है कि अखबार ने बैडमिंटन की संख्या बढ़ा चढ़ा कर लिखी है. समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह खेल सभी सैनिकों के लिए अनिवार्य नहीं बनाया जाएगा.

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तस्वीर: DW

दूसरी ओर सेना के कुछ जानकार इसे व्यर्थ बता रहे हैं. सेंटर फॉर मिलिट्री फोरकास्टिंग के अध्यक्ष एनेटोली सिगानोक ने कहा, "उन्हें शूटिंग सिखानी चाहिए. सेना में आधे जनरल तो गोली चलाना जानते ही नहीं हैं." इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिटिकल एंड मिलिट्री एनालिसिस के एलेक्जेंडर ख्रामचिखिन ने कहा, "बैडमिंटन का चयन अटपटा है. यह ना ही बहुत ज्यादा स्फूर्ति से भरा है और ना ही इसमें पूरी टीम मिल कर खेलती है. हां, इसे तनाव दूर करने के लिए जरूर खेला जा सकता है. लेकिन यह अस्पतालों में अधिक उचित है, जहां लोगों को रीहैबिलिटेशन की जरूरत पड़ती है."

स्कूलों में भी फिजिकल एजुकेशन में बैडमिंटन को लाने की बात की जा रही है.

रिपोर्ट: एएफपी/ईशा भाटिया

संपादन: आभा एम