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रूस और भारत में परमाणु सहयोग समझौता

६ दिसम्बर २००८

भारत और रूस ने एक अहम परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके अन्तर्गत रूस दक्षिण भारत में चार परमाणु रिएक्टरों के निर्माण में सहयोग देगा. दोनों देशों ने मानव सहित अंतरिक्ष अभियान पर भी सहमति जताई है.

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राष्ट्रपति मेदवेदेव और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आपसी रिश्तों को और मज़बूती दीतस्वीर: AP

रूस के राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव की भारत यात्रा के दौरान ही इन महत्वपूर्ण समझौतों पर सहमति बनी है. भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के बीच शुक्रवार मुलाक़ात के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस संबंध में घोषणा की. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रूस के साथ हुए इस समझौते को परमाणु क्षेत्र में अहम पड़ाव बताया है.

Stromausfall nach Kraftwerksausfall in Florida
चार परमाणु रिएक्टर स्थापित करने में मदद करेगा रूसतस्वीर: AP

शुक्रवार को रूस के साथ हुए समझौते के तहत तमिलनाडु के कुदनकुलम में चार परमाणु रिएक्टर बनाए जाएंगें. रूस पहले ही भारत में 1,000 मेगावॉट के हल्के पानी के संयंत्र बनाने में मदद दे रहा है. अंतरिक्ष अभियान के क्षेत्र में रूस 2013 तक भारत के अंतरिक्षयात्री को अंतरिक्ष में भेजेगा और 2015 तक भारत मानवसहित अतंरिक्ष अभियान की शुरूआत करेगा.

सितम्बर महीने में न्यूक्लियर्स सप्लायर्स ग्रुप से स्वीकृति मिलने के बाद रूस तीसरा देश है जिसके साथ भारत ने परमाणु सहयोग के क्षेत्र में समझौता किया है. इससे पहले अमेरिका और फ़्रांस के साथ भारत परमाणु समझौता कर चुका है. भारत की बढ़ती ऊर्जा ज़रूरतों के मद्देनज़र इन समझौतों को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के बाद भारत की यात्रा कर रहे राष्ट्रपति मेदवेदेव ने कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में रूस भारत के साथ है और ऐसे हमले रोकने में भारत की मदद करेगा. रूस और भारत के बीच रिश्ते हमेशा से मज़बूत रहे हैं. अमेरिका के साथ भारत की नज़दीकी बढ़ने पर ऐसा लग रहा था कि रूस के साथ रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि इन समझौतों से इन आशंकाओं को विराम लगा है.