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रूस-ईयू शिखर भेंट में पर्यावरण और ऊर्जा पर चर्चा

१७ नवम्बर २००९

आज स्टॉकहोल्म में रूस और यूरोपीय संघ की शिखर बैठक हो रही है. फिनलैंड के विदेशमंत्री अलेक्ज़ांडर स्टब ने सुझाव दिया है कि अमेरिका की तरह यूरोपीय संघ को भी रूस के साथ अपने मुश्किल संबंधों में रिसेट का बटन दबाना चाहिए.

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रूस के राष्ट्रपति मेद्वेदेवतस्वीर: AP

रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव के साथ यूरोपीय संघ के प्रमुख और स्वीडन के प्रधानमंत्री फ़्रेडरिक राइनफ़ेल्ड और आयोग प्रमुख खोसे मानुएल बरोसो की भेंट में गैस आपूर्ति के अलावा कोपेनहैगेन का पर्यावरण सम्मेलन केंद्रीय मुद्दा होगा. रूस जॉर्जिया युद्ध के बाद बिगड़े संबंधों में पिछले महीनों में बेहतरी आई है. स्वीडन के विदेश मंत्री कार्ल बिल्ट ने युद्ध में मॉस्को की कार्रवाई की तुलना द्वितीय विश्व युद्ध में हिटलर की कार्रवाई से की थी. इस पर नाराज़गी के कारण कुछ महीने पहले तक मेद्वेदेव स्टॉकहोल्म जाने को तैयार ही नहीं थे. इस बीच स्वीडन ने बाल्टिक सागर गैस पाइपलाइन के लिए सहमति देकर माहौल को बेहतर बनाने की पहल की है. यूक्रेन के साथ जारी समस्याओं के कारण मेद्वेदेव यूरोप को गैस की आपूर्ति के लिए वैकल्पिक पाइपलाइन के शीघ्र निर्माण की वकालत करेंगे. लेकिन यूरोपीय संघ में रूस के राजदूत व्लादीमिर चिशोव का कहना है कि रूसियों के लिए वैश्विक समस्याओं पर चर्चा प्रमुख होगी. "विश्वव्यापी वित्तीय और आर्थिक संकट के अलावा इस शिखर भेंट में जलवायु परिवर्तन को रोकने को प्राथमिकता होगी."

Jose Manuel Barroso zweite Amtszeit
यूरोपीय संघ आयोग प्रमुख बारोसोतस्वीर: AP

स्वाभाविक है कि इसमें ऊर्जा सुरक्षा का मुद्दा भी शामिल होगा. शिखर भेंट से पहले सदस्य देशों के बयानों से साफ़ है कि माहौल को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है. फिनलैंड के विदेशमंत्री स्टब ने राष्ट्र की स्थिति पर मेद्वेदेव के भाषण की सराहना की है और कहा है कि वे देश को सही रास्ते पर ला रहे हैं और हमारे असीमित समर्थन के हक़दार हैं. लेकिन यूरोपीय संघ की शिक़ायत है कि रूस विश्व व्यापार संगठन में शामिल होने की तैयारी नहीं दिखा रहा है. पीटर्सबर्गर पोलिटिक संस्था के प्रमुख वीनोग्रादोव का कहना है, "सबसे महत्वपूर्ण रूस और यूरोपीय संघ के बीच सहयोग संधि है जो दोनों पक्षों के अधिकारियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है."

मेद्वेदेव के सलाहकार सेरगेई प्रिचोद्को का कहना है कि लिसबन संधि को लागू किए जाने से सहयोग की स्पष्ट संरचना पैदा होगी. गुरुवार को यूरोपीय संघ के नए पदों पर फैसला लिया जाएगा. मॉस्को की शिक़ायत है कि सहयोग संधि पर वार्ता में पर्याप्त प्रगति नहीं हो रही है. इसके अलावा वीज़ा की ज़रूरत समाप्त किए जाने पर भी सहमति के आसार नहीं हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: अशोक कुमार