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राहुल और अच्युतानंदन, दोनों अमूल बेबी

१५ अप्रैल २०११

राहुल गांधी को अमूल बेबी कहने वाले केरल के मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन को कांग्रेस ने तो आड़े हाथ लिया ही, अब अमूल कंपनी ने भी उन पर अपने अंदाज में वार किया है. अपनी विशेष एड मुहिम में कंपनी ने दोनों को अमूल बेबी बताया.

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केरल में प्रचार करने गए राहुलतस्वीर: Fotoagentur UNI

केरल विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने 87 वर्षीय अच्युतानंदन की बढ़ती उम्र का जिक्र किया. इसी के जबाव में सीपीएम नेता अच्युतानंदन ने राहुल को अमूल बेबी कहा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी केरल में अमूल बेबीज के प्रचार के लिए आए हैं क्योंकि वह खुद भी अमूल बेबी हैं.

दुग्ध उत्पादों की अग्रणी कंपनी अमूल ने इस बयानबाजी का फायदा उठाते हुए अपना नया विज्ञापन तैयार किया है. अमूल अपनी खास एड कैंपेन के लिए मशहूर है जिसमें हर क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को लिया जाता है. अमूल की मूल कंपनी गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) ने कहा, "हॉर्डिंग्स पर लोगों को लुभाने वाले विज्ञापन हमारे प्रचार का खास हिस्सा हैं. पूरे देश में हर हफ्ते एक विषय जारी किया जाता है, जबकि कुछ विषय क्षेत्र के हिसाब से भी जारी किए जाते हैं." इस तरह के तमान विज्ञापनों की पहचान अटर्ली बटर्ली गर्ल होती है जो हमेशा मुस्कराती रहती है.

वैसे राहुल गांधी पहले भी कई बार अमूल के इन विज्ञापनों का हिस्सा रह चुके हैं. पिछली बार वह तब अमूल के विज्ञापन की प्रेरणा बने जब उन्होंने मुंबई की लोकल ट्रेन में सफर किया. उस विज्ञापन को नाम दिया गया, "चलती का नाम गांधी." जीसीएमएमएफ के चेयरमैन पार्थी भतोल कहते हैं, "हर क्षेत्र से जुड़े लोग हमारी विज्ञापन मुहिम को सराहते हैं जिनमें आम जिंदगी की घटनाओं और विवादों पर टिप्पणी की जाती है."

गुजरात की कंपनी अमूल अपनी खास विज्ञापन मुहिमों की वजह से 1966 से ही चर्चा में रही है. आज की दुनिया में सुर्खियों में रहने वाली राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से लेकर अभिनेता अमिताभ बच्चन, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और उद्योगपति अंबानी बंधु भी इन विज्ञापनों में पेश किए जाते रहे हैं. हाल में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम पर अमूल के विज्ञापन की कैच लाइन थी, "हजारे ख्वाहिशें ऐसी."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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