'राजनीति ने डुबोया भारत पाक क्रिकेट'
१२ सितम्बर २०१०एसाम कुरैशी ने उम्मीद जताई है कि रोहन बोपाना के साथ उनकी जोड़ी क्रिकेट के मैदान में भी दोनों देशों को एक बार फिर खेलने के लिए प्रेरित करेगी. कुरैशी और बोपाना की जोड़ी अमेरिकी ओपन के फाइनल में पहली वरीयता प्राप्त बॉब ब्रायन और माइक ब्रायन की जोड़ी से 7-6, 7-6 से हार जरूर गई लेकिन उनकी तारीफ ब्रायन बंधुओं ने भी की.
कुरैशी और बोपाना की जोड़ी "युद्ध बंद करो, टेनिस खेलो" के संदेश के साथ खेली और उन्हें भारत पाकिस्तान के बीच रिश्तों में शांति के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है. 2008 में मुंबई हमलों के बाद से ही दोनों देशों के संबंधों में ठंडापन है. हमले के बाद से क्रिकेट प्रशंसक मैदान पर दोनों देशों की टीमों को आपस में खेलता देखने के लिए तरस गए हैं लेकिन कुरैशी को उम्मीद है कि मैच जल्द शुरू होंगे.
उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि लोग इसे सकारात्मक रूप से देखेंगे. खेल में राजनीति या धर्म नहीं आना चाहिए. मुझे लगता है कि क्रिकेट पर इसलिए असर पड़ा क्योंकि इस पर राजनीति का असर ज्यादा है. दोनों देशों की जनता क्रिकेट की दीवानी है और सिर्फ राजनीतिक कारणों से ही खेल नहीं हो पा रहा है. मुझे याद है कि जब भारत ने पाकिस्तान का दौरा किया तो उन्हें कितना समर्थन मिला. माहौल अविश्वसनीय था. मैं आशा करता हूं कि नेता खेलों को राजनीति से दूर रखेंगे."
पाकिस्तान इन दिनों उसके इतिहास की सबसे भयंकर बाढ़ को झेल रहा है. इसके अलावा क्रिकेट टीम के कुछ सदस्य स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों को झेल रहे हैं. कुरैशी ने माना है कि पाकिस्तान इन दिनों नाजुक हालात से गुजर रहा है. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान इन दिनों अंधकार से गुजर रहा है. आतंकवादी हमले, बाढ़, क्रिकेट विवाद. लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि मेरे प्रदर्शन से लोगों को खुशी मिलेगी. जब मैं घर लौटूंगा तो मुझे पता चलेगा कि लोगों को मेरा खेल कितना पसंद आया."
वहीं रोहन बोपाना का कहना है कि भले ही उन्हें और कुरैशी को शांति के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा हो लेकिन वह जानबूझकर कोई राजनीतिक संदेश नहीं देना चाहते. उन्होंने कहा, "हम यहां कोई बयान देने नहीं आए हैं. हम सिर्फ टेनिस खेलते हैं और अपने करियर से जुड़ा काम कर रहे हैं. शांति का दूत होना अच्छा लगता है और टेनिस के जरिए उसे फैलाना भी बढ़िया बात है लेकिन इसके अलावा हम राजनीतिक संदेश नहीं दे रहे हैं."
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: वी कुमार